अपनी अपनी सीमा –  लतिका पल्लवी :  Moral Stories in Hindi

माँ आज आप घूमने नहीं गईं?’ सुबह सात बजे जब  अनिकेत उठा और अपनी माँ को घर मे देखा तो उसे आश्चर्य हुआ और उसने यह बात अपनी माँ से पूछा, क्योंकि वह जब भी उठता तो देखता माँ घर मे नहीं है । पूछने पर अमृता कहती की माँ मॉर्निंग वॉक पर गईं है। … Read more

कमजोर नहीं मैं – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

      सुवर्णा के पांव आज धरती पर नहीं थे, होते भी कैसे, क्योंकि वो खुश ही इतनी थी। उसकी बेटी लतिका की मंगनी हो गई थी और वो भी अमेरिका में बसे अर्जुन के साथ, जिनका अपना वहां पर रेस्तंरा था।       अर्जुन उसकी खास सहेली मालिनी का रिश्ते में भतीजा था। सुवर्णा की जितनी भी किटी … Read more

ऑंसू पीकर रह जाना – डाॅ संजु झा :

Moral Stories in Hindi  अमिता बचपन से ही अपनी विमाता के दुर्व्यवहार के कारण मन-ही-मन ऑंसू पीकर रह जाती। सचमुच जिन बच्चों की माऍं बचपन में गुजर जाती हैं,उन बच्चों का मन बहुत कमजोर हो जाता है।वे छोटी-छोटी गलत बातों का भी विद्रोह नहीं कर पाते हैं,बस ऑंसू पीकर ही रह जाते हैं।अमिता के साथ … Read more

दोस्ती – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सीता और गीता बचपन की सख़्त जोड़ी थीं। एक ही गली में पली-बढ़ीं, एक ही स्कूल में पढ़ीं और फिर किस्मत ने दोनों की शादी भी एक ही शहर में कर दी। समय के साथ उनकी दोस्ती और भी गहरी होती चली गई। लोग उन्हें “राम-लखन” की तरह याद रखते, लेकिन महिला रूप में। सीता … Read more

आंसू पीकर रह जाना – खुशी : Moral Stories in Hindi

नलिनी एक अध्यापिका थीं उसके दो बच्चे थे।अदिति और आदित्य ।उसके पति निरजन गुस्सैल स्वभाव के थे।उन्हें हर चीज जगह पर बच्चों की हर बात पूरी होनी चाहिए।यदि नलिनी किसी काम में लगी हो और वो बच्चों की आवाज पर हाजिर ना हो तो उसकी रिमांड लग जाती।बाहर निरंजन दिखाता की मैं अपनी पत्नी को … Read more

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