तार ,तार होता अस्तित्व – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कमरे से जोर जोर से हंसने की आवाज सुनकर सुनैना का अस्तित्व तार तार हुआ जा रहा था। कमरे के अंदर से आ रही प्रमोद और सपना के हंसी की आवाजें पिघलें हुए शीशे की तरह सुनैना के कानों में पड़ रही थी । आखिर कार सुनैना वहां से उठकर रसोई में चली गई और … Read more

अस्तित्व की लड़ाई – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

आज अचानक मीना ने अपनी मालकिन अनुराधा के पास आकर कहा, “मैडम मैं कल से काम पर नहीं आऊंगी।” अनुराधा ने बड़े ही चिंतित स्वर में पूछा, “अरे मीना क्या हो गया? क्यों नहीं आएगी?” “मैडम मैं गाँव जा रही हूँ, मेरे मायके।” “लेकिन इस तरह अचानक? क्या कोई इमरजेंसी …?” “नहीं मैडम जी मेरा … Read more

अस्तित्व – रेनू अग्रवाल

“प्रीति, अगर तुम्हें मुझसे शादी करनी है तो तुम्हें ये नौकरी छोड़नी होगी!” आकाश फोन पर किसी से गुस्से में चिल्ला रहा था। उसकी माँ, सीता, पास के कमरे में यह सब सुन लेती हैं। घबराई हुई वह कमरे में आती हैं और पूछती हैं, “क्या हुआ आकाश?” आकाश गुस्से में जवाब देता है, “माँ, … Read more

मायके सुख (अर्चना सिंह)

“उफ्फ …ये लड़की भी न ! थोड़ी देर हो जाए फोन उठाने में तो लगातार फोन करेगी जब तक उठा न लूँ । रसोई से आकर झूले पर बैठते हुए अनिता जी ने कहा । अनिता जी के पति अरुण जी  चाय की चुस्की लेते हुए बोले…”खाना बनाते हुए तो फोन उठा ही सकती हैं … Read more

चक्र – करुणा मलिक

मेघना ! मेघना …… पापा फ़ोन कर रहे हैं, उनसे बात कर लो ।  ठीक है…. कहिए उनसे , अभी पाँच मिनट में बात करती हूँ । गमलों की मिट्टी बदल रही थी…बस हाथ धो रही हूँ ।  जैसे ही मेघना ने पति संजय के मुँह से सुना कि पापा का फ़ोन है तो उसने … Read more

“अस्तित्व” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

ये  क्या कविता तुमने फिर अपनी सैलरी के पैसे मेरे अकाउंट में डलवा दिए? अरे तुम अब सरकारी मास्टरनी बन गई हो अपनी कमाई जैसे चाहो खर्च कर सकती हो। तुम नहीं जानती मैं कितना खुश हूं तुम्हारे लिए, तुम्हारी दिन रात की मेहनत रंग लाई। अरे मैं कपड़े की दुकान पर काम करता हूं … Read more

नारी का अस्तित्व – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

दादी ने कहा -”बेटियां तो गीली मिट्टी जैसी होती है उन्हें जैसा आकार दे दो वैसा बन जाती है। “ शायद उनकी दादी ने उनके लिए ऐसा कहा था उससे पहले उनकी दादी के लिए उनकी दादी ने। इस तरह से पीढ़ियों से यह सब हम लड़कियों को समझाया गया कि तुम लड़की हो इसलिए … Read more

अस्तित्व – सुनीता परसाई ‘चारु’ : Moral Stories in Hindi

नीलू अलसाते हुए बिस्तर पर पड़ी थी। उसका उठने का मन नहीं कर रहा था।तभी चाय लेकर आते हुए भावना बोली -”आज उठना ही नहीं है क्या मैडम नीलू ! सोते ही रहना है क्या?चलो उठो गरम-गरम चाय पी लो।” नीलू अंगड़ाई लेते बोली’ “क्यों परेशान कर रही है सुबह-सुबह। आज मैं पहली बार अपने … Read more

मैं भी सुंदर हूँ – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

    “ अरे वाह शुभ्रा मैडम, आज तो आप गज़ब ढ़ाह रही है, क्या मैचिंग है आपकी, और ये बालों में गज़रा, ओह माई गाड, काश कि मैं लड़का होती और हम कुछ साल पहले मिले होते” अखिला ने शुभ्रा को देखकर कहा।     “ तुम भी ना अखिला”, शुभ्रा ने कुछ शरमाते हुए कहा। सच में, … Read more

अस्तित्व – प्रीती श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

अन्वी ने एमबीए किया था और गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर मार्केटिंग मैनेजर काम करती थी। स्मार्ट, आत्मनिर्भर और संवेदनशील सोच वाली अन्वी ने कभी नहीं सोचा था कि शादी के बाद उसकी ज़िंदगी एक बिल्कुल अलग मोड़ ले लेगी। जब उसका रिश्ता रोहन से तय हुआ, तो सबने कहा, “लड़का तो समझदार … Read more

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