तार ,तार होता अस्तित्व – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi
कमरे से जोर जोर से हंसने की आवाज सुनकर सुनैना का अस्तित्व तार तार हुआ जा रहा था। कमरे के अंदर से आ रही प्रमोद और सपना के हंसी की आवाजें पिघलें हुए शीशे की तरह सुनैना के कानों में पड़ रही थी । आखिर कार सुनैना वहां से उठकर रसोई में चली गई और … Read more