असहाय नहीं हूं मैं – सीमा सिंघी 

मिनी ने जैसे ही स्कूल का बस्ता उठाया । मिनी की रमिया ताई  बोल उठी। मिनी अब तुम्हें स्कूल जाने की क्या जरूरत है। सातवीं तक पढ़ लिया,नाम और पत्र लिखना आ गया । अब बहुत हुआ। वैसे भी तेरे ताऊ जी घर के इतने सदस्यों के बोझ अकेले कैसे सहेंगे।  अपनी ताई जी की … Read more

असहाय नहीं हूं, मैं! – लक्ष्मी त्यागी

रोहिणी तो जैसे टूट गई थी, जब उसके पति ने उसकी बाहों में अपना दम तोड़ा। अब वह क्या करेगी ,किसके भरोसे जीएगी ? एक अकेली औरत जात, जान को सोे झंझट नजर आ रहे थे। घर संभालेगी या फिर खेती-बाड़ी देखेगी। अभी दीनदयाल की ‘दाह संस्कार ‘की आग ठंडी भी नहीं हुई थी। रिश्तेदारों … Read more

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