असमर्थ – के आर अमित

रात के दस बज चुके थे। चूल्हे की आख़िरी आँच धीमी पड़ चुकी थी। मिट्टी की दीवारों पर झिलमिलाती दीये की लौ के साथ एक आदमी लकड़ी की चारपाई पर बैठा था सिर झुका हुआ आँखों में नमी और सामने एक पुरानी स्कूल की कॉपी रखी थी। उसका नाम था रामनारायण गाँव के स्कूल में … Read more

मैं असमर्थ नहीं हूं – मंजू ओमर 

अनीता आठ महीने के मासूम अथर्व को लेकर अंधेरी रात में घर से निकल गई।बाहर निकली तो हल्की बरसात हो रही थी।वो अथर्व को सीने से चिपकाए आंचल से ढककर तेज तेज कदमों से चली जा रही थी। तभी बरसात तेज हो गई और वो एक बिल्डिंग की गेट की ओट में खड़ी हो गई।उसे … Read more

असमर्थ का संघर्ष –  पुष्पा पोरवाल 

     वक्त से पहले कंधों पर पड़े बोझ को सोना ने बखूबी संभाल लिया है छोटे-छोटे हाथ अब हर काम कुशलता और सरलता से निपटने लगे हैं प्रारंभ में तो खाना पकाते वह अक्सर जल जाया करती थी गले पर जलने का निशान उसकी नादानी की कहानी कहता रहता है।  खिलंदड़ी खिलाकर हंसने वाली सोना जाने … Read more

आत्मसम्मान की बलि – रोनिता कुंडू

मम्मी! आप दादी की इतनी बातें सुनती हो, पर फिर भी उनको कुछ बोलने में असमर्थ क्यों हो? जबकि आपकी कोई गलती भी नहीं होती है? कभी बुआ कभी चाचू और अब तो चाची भी आपको कुछ भी बोल जाती है, जबकि चाची को आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं, 13 साल की … Read more

किसकी बदौलत – अर्चना सिंह

मन से # असमर्थ तो थी दिशा लेकिन तन से नहीं । एक छोटी सी कम्पनी में रिसेप्शनिस्ट का जॉब करके अपना और अपनी तीन बहनों का गुजारा करती थी । माँ – बाप एक सड़क दुर्घटना में मारे गए । सारी जिम्मेदारी दिशा पर थी । परिवार के नाम पर बस एक बुजुर्ग मौसी … Read more

बँटवारा – बीना शर्मा 

कौशल्या देवी एक कोने में बैठी हुई यही सोच रही थी कि अभी 13 दिन ही तो हुए थे उसके पति रमेश को इस संसार से विदा हुए परंतु, उनके जाने के बाद इतनी जल्दी उनके बच्चों मैं कितना बदलाव आ गया था जो  भाई एक दूसरे से बेपनाह मोहब्बत करते थे आज वो एक … Read more

सामर्थ्य वान – शुभ्रा बैनर्जी

सुमित्रा जी की छोटी बेटी की बेटी का विवाह तय हो गया है।बेटी के मुंह से अपनी नवासी की शादी पक्की होने की खुशी उनके बूढ़े चेहरे पर साफ झलक रही थी। नीरा(इकलौती बहू)भी भांजी को बहुत प्यार करती थी।जब -जब आती ,एक ही बात कहती”मामी,मामा तो नहीं रहे।तुम्हें आना ही होगा मेरी शादी में।नहीं … Read more

अधिकार – लतिका पल्लवी

बहू यह क्या सुन रही हूँ ?चिंटू कह रहा है कि मेरी माँ मैडम बनेगी। मै समझी नहीं वह क्या कहना चाहता है। क्या तुम नौकरी करने की सोच रही हो? तुम्हे पता नहीं है कि हमारे घर की बहूऐं नौकरी नहीं करती है?तुम्हारे नौकरी करने से समाज मे हमारी कितनी बेइज्जती होंगी तुमने सोचा … Read more

“असमर्थ” – सरोजनी सक्सेना

मीता एक साधारण परिवार की बेटी है । उसकी रुचि पढ़ाई में अधिक है । वैसे तो वह प्रत्येक कार्य में पूर्ण रूप से निपुण है । घर के कार्यों में, संगीत कला के साथ पढ़ाई आदि में उसकी विशेष रूप से रुचि है । परिस्थितियों ने उसको मजबूर कर दिया । जिसके कारण पढ़ाई … Read more

असमर्थ – मधु वशिष्ठ

बेटा शादी अगर दो आत्माओं का मिलन है, तो 2 परिवारों का भी मिलन है। तुम दोनों हमारे बच्चे हो, अगर हमारी जिम्मेदारी तुम्हारी है तो तुम्हारी जिम्मेदारियां हमारी क्यों ना हुई?” कहकर सासु मां ने मुस्कुराकर प्रिया को आशीर्वाद दिया। सासु मां के पैर छूते हुए प्रिया का रोम रोम उनको धन्यवाद कर रहा … Read more

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