दृष्टांत –  मधुलता  पारे

     सात बजे से नीरजा आरती का रास्ता देख रही थी अब रात के नौ बजने को आ रहे थे अभी तक उसका कोई  पता नहीं था दो बार  उसका फोन भी ट्राई  कर चुकी थी वह भी बंद  आ रहा था।  घर में इस समय    नीरजा के अतिरिक्त  उसकी उम्रदराज  सास थीं  जिनका अशक्त … Read more

error: Content is protected !!