हाय राम। मेरी तो तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई : डॉ. इन्दुमति सरकार : Moral Stories in Hindi

गोपाल प्रसाद की आँखें उस दिन भीग गईं जब बहू मेघना ने उनके हाथ से छीनकर पूजा की थाली उलट दी। “ये ढकोसला बंद करो बाबूजी! मैं इस घर को 21वीं सदी में ले जाऊँगी” वह चिल्लाई।   मेघना आईआईटीयन थी – उसके लिए संस्कार ‘मिथ’, पूजा ‘टाइम वेस्ट’ और सास-ससुर ‘आउटडेटेड सॉफ्टवेयर’ थे। गोपाल प्रसाद … Read more

हाय राम, मेरी तो तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

पाखी बेटा, परसों जमाई जी तुझे लेने आ रहे हैं। बेटा बिट्टू के और अपने जो कपड़े सिलवाए थे वह ले आना। तेरे भाई को कहकर थोड़े लड्डू भी मंगवा दूंगी जाने के बाद ससुराल में सबको बांटने जो होंगे। अपनी बहन रानी और मालती के साथ आराम से मूंगफली खाती हुई पाखी का मूंह … Read more

मेरी तो किस्मत ही फूट गई जो ऐसी बहु मिली। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

संध्या की सर्दी धूप की बची-खुची तपिश को निगल चुकी थी। रिया का छोटा सा कमरा अब घर का दिल बन चुका था। उसी कमरे में कोने में बैठी बुआजी पुरानी साड़ी को सीधा करके रिया से पूछ रही थीं — “बिटिया, इसमें बॉर्डर बहुत सुंदर है… इससे कुछ और बन सकता है क्या?” रिया … Read more

मेरी तो किस्मत ही फूटी है – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

    “नीतिका! तुम हर वक्त यह क्यों चाहती हो कि सब तुम्हारी ही बात माने। यह याद रखो कि घर की मालकिन और बड़ी मैं हूँ न कि तुम।” मंगला अपनी छोटी बहू नीतिका को जोर-जोर से डाँटे जा रही थी।          ” माँ! यह भी कोई कहने की बात है? आप ही इस घर की बड़ी … Read more

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