रिश्तों में विश्वास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     ” मेरा विश्वास कीजिये मम्मी जी, मेरी गोद में दीपक का ही बेटा है।हम दोनों ने दो साल पहले ही मंदिर में जाकर शादी कर ली थी।उसने कहा था कि समय आने पर मैं खुद ही तुम्हें अपने घर ले जाऊँगा लेकिन वो नहीं आया और अब तो मेरा फ़ोन भी..।” कहते हुए श्रुति की … Read more

अब बस और नहीं – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

आज बहुत दिनों बाद रमा की सहेली नेहा उसके घर आई तो रमा बहुत खुश हुई।कहने को दोनों एक ही बिल्डिंग में रहती थीं पर दोनों का मिलना लिफ्ट में या फिर मॉर्निंग वॉक के समय ही होता था।रमा चाय नाश्ता लेकर आ गई।बातों ही बातों में नेहा के पति का जिक्र चला तो नेहा … Read more

विश्वास की डोर – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

“माँ, आप हमेशा मुझे टोकती क्यों रहती हैं? क्या आपको मुझ पर ज़रा भी भरोसा नहीं?” अदिति ने झुंझलाकर कहा और अपने कमरे का दरवाज़ा भड़ाक से बंद कर लिया। माँ बाहर खड़ी रहीं… चुपचाप। आँखों में थोड़ी नमी थी, लेकिन चेहरा शांत। हर दिन यही होता है – माँ समझातीं, और अदिति नाराज़ हो … Read more

आस्था और विश्वास – उषा वेंकटेसन : Moral Stories in Hindi

“बेटा, इस साल हमें गांव जाना है। मुन्ना तीन साल का हो जाएगा और हमें उसके पहले मन्नत पूरी करनी है।” सुभद्रा ने बेटे को कहा। “हाँ मम्मी, मुझे याद है। पूजा और यात्रा कब शुरू होगी? मैं एक हफ्ते की छुट्टी लेता हूं और बुकिंग भी करता हूं।” उसके बेटे ने उत्तर दिया। “हमें … Read more

जहाँ चाह वहाँ राह – करुणा मलिक

आज सुबह से ही बारिश की टिप-टिप लगी थी । सुहास को न जाने क्यों बारिश के दिन मालिनी की याद आ ही जाती थी । मालिनी , उसकी बेस्ट फ़्रेंड होने के साथ- साथ उसकी छोटी चचेरी बहन भी थी । पर तीन सालों से हालात ऐसे बन गए थे कि आज सुहास के … Read more

मुंँहबोली बहन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”

आओ मेरी प्यारी बहना….! जब से तुम मेरी जिंदगी में आई हो, बिल्कुल मेरी जिंदगी बदल सी गई है। मेरी अपनी भी बहन हैं, वह भी मुझे इतना मान नहीं देती है जितना तुम मेरा ख्याल रखती हो..! शुभम की पत्नी सोनम भी हां में हां मिलाते हुए बोली -बिल्कुल सही कहा आपने‌..! मेरी अपनी … Read more

माँ का विश्वास – रश्मि प्रकाश

आज बहुत दिनों बाद प्रफुल्ल घर आ रहा है… मनोरमा जी ने बेटे को फ़ोन करके आने के लिए जो कहा था कॉलेज की पढ़ाई करने शहर गया तो अतिव्यस्त दिनचर्या और पढ़ाकू प्रफुल्ल के लिए घर आने का वक़्त ही नहीं मिल रहा था पर मनोरमा जी ने बेटे को इस बार कैसे भी … Read more

प्रेम और विश्वास की जीत – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“पापा… मम्मी मुझे पहचानती क्यों नहीं हैं “ 10 साल की साक्षी की यह मासूम, डरी-सहमी सी आवाज़ राजीव के सीने में कहीं चुभ गई। राजीव ने बेटी को अपनी गोद में उठाया और उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, “बस थोड़ा और वक्त बेटा… तुम्हारी मम्मी सबकुछ याद कर लेंगी। हमें हिम्मत नहीं … Read more

विश्वास की डोर… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“…लेकिन रितेश… हम मां को ऐसे तो नहीं छोड़ सकते ना… उनके लिए कुछ व्यवस्था तो करनी पड़ेगी…!” ” व्यवस्था… मतलब… तुम कहना क्या चाहती हो…!” ” देखो… मां हमारे साथ नहीं रह सकती… तुम्हारी मां के साथ उनकी नहीं बनती… यह तो हम दोनों जानते हैं… लेकिन मैं उन्हें अकेले घर में बिना किसी … Read more

विश्वास की अटूट डोर – गीता वाधवानी

 आज पल्लवी के पास, जब जेठानी शारदा का फोन आया, तब पल्लवी का  मन खिन्न हो गया। जेठानी की बातों से ईर्ष्या और नकारात्मकता साफ झलक रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसके बेटे से जेठ और जेठानी जी इतना जलते क्यों है?         उनके अपने भी तो दो बेटे हैं। हम तो … Read more

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