बहू ने ना कहना सीख लिया – परमा दत्त झा : लघुकथा

आज गीता बहुत दुखी थी कारण मम्मीजी ने उसे मैके में जाने का हुकुम सुना दिया था। गीता मम्मी जी के मायके नहीं जाना चाहती थी। सो यह कालेज जब गयी तो जाते समय मम्मी ने हुकुम सुना दिया तीन दिन की छुट्टी कालेज से ले लो। वहां सुरेन्द्र के बेटे मोनू का मुंडन है। … Read more

घड़ियाली आसूं – विमला गुगलानी : Short Story in Hindi

  सुबह होते ही गांव के जिमींदार की मौत की खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई थी। ऐसी खबरें तो पुराने जमाने में  भी पलक झपकते ही पहुंचती थी और आज तो मोबाईल का जमाना है। एक के बाद दूसरी सांस आने से पहले ही मैसेज पहुंच जाता है।         जिमींदारी प्रथा … Read more

खून के आंसू -परमा दत्त झा :  Moral Stories in Hindi

आज ठाकुर गिरधारी जी दुखी थे कारण पत्नी और बच्चे आज अलग थे।आज चाय पीने उठे मगर हाथ से कप गिर गया और वे रोने लगे। आज अकेले थे,आटो चलाकर दिन गुजारते थे।दिनकट जाता था मगर रात का अकेलापन। ठाकुर भूखे पेट बिस्तर पर लेट गये और खो गये अतीत की याद में। आज से … Read more

रक्षाबंधन – के आर अमित :

आज सुबह से ही हड़बड़ाहट में लग रहे हैं  चेहरे पे खुशी है पर घबराहट में लग रहे हैं खुद ही खुद से करके बाते मुस्कुराने लगते जाने क्यों दादाजी बड़बड़ाहट में लग रहे हैं। चश्मा साफ करके कभी रास्ता ताक रहे हैं तो कभी दीवार पे टँगी घड़ी को झांक रहे हैं कभी खो … Read more

रिश्तों की गांठ – प्रतिमा पाठक :Moral Stories in Hindi

राखी का त्यौहार आने वाला था। बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सजे हुए थे, और बहनों की भीड़ हर दुकान पर उमड़ रही थी। मगर इस रौनक से दूर, एक छोटे से गांव की स्नेहा, चुपचाप एक राखी अपने हाथों से बना रही थी। वह हर साल की तरह इस बार भी अपने भाई अतुल को … Read more

पलटवार – लतिका श्रीवास्तव

विमल कहां मर गया।मेरा चश्मा लेकर आओ कब से कह रहा हूं तेरे कानों का इलाज करवाना पड़ेगा मनोहर जी झल्लाते हुए आवाज लगा रहे थे। पापा ढूंढ रहा हूं मिल ही नहीं रहा विमल ने असहाय भाव से प्रत्युत्तर दिया। ढूंढ रहा हूं …. अरे वहीं मेज पर रखा है तुझे कोई चीज आज … Read more

काश मैं भी अदृश्य हो पाती -अर्चना कोहली “अर्चि” : Moral Stories in Hindi

रात को मिस्टर इंडिया चलचित्र देखकर विनीता के मन में बार-बार ये विचार चल रहे थे, काश मेरे अंदर भी अदृश्य होने की शक्ति होती तो कितना मज़ा आता! मनमर्जी से कुछ भी करो। कोई रोक-टोक नहीं। जब मन करे, अदृश्य होकर कहीं पर भी चले जाओ। न टिकट खरीदने का चक्कर और न ही … Read more

रीता की समझदारी – रेनू अग्रवाल :

रीता किचन में काम कर रही थी, तभी उसकी ननद गीता का फोन आया। फोन उठाते ही गीता की रोती हुई आवाज आई, “भाभी, अब और नहीं सहा जाता… मेरी ज़िंदगी तो नरक बन गई है।” रीता को आश्चर्य नहीं हुआ। गीता की ये शिकायतें अब रोजमर्रा की बात बन गई थीं। उसने शांत स्वर … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – बबिता शर्मा 

एक छोटे से गाँव में, दो पड़ोसी रहते थे – राम और श्याम। वे दोनों एक ही खेत में काम करते थे और अच्छे दोस्त थे। लेकिन एक दिन, उनकी जमीन की सीमा को लेकर विवाद हो गया। राम ने श्याम पर आरोप लगाया कि वह उसकी जमीन पर कब्जा कर रहा है, जबकि श्याम … Read more

आंसू पीकर रह जाना -प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मेघा खूब खुश थी क्योंकि की कितने सालों के बाद वो राखी मनाने भईया के घर जा रही थी। मां – पापा के जाने के बाद तो सारा त्योहार ही सूना हो गया था। मायका ही नहीं बचा था। सब तैयारी कर ली, बाजार जाकर पूरे परिवार के लिए कपड़े खरीदे और राखी मिठाई सब … Read more

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