ताकत – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

  अपने ही घर में उन दरिंदों द्वारा तार-तार कर दी गई अपनी बेटी की अस्मिता पर माँ और बेटी दोनों ही जार-जार रो रही थीं। वहीं पास में बेटी के पिता लाचार एवं असहाय खड़े थे क्योंकि दोनों दरिंदें राजनीति एवं पैसे की दृष्टि से बहुत रसूखदार एवं ताकतवर थे। तीनों ही अपने आप को … Read more

वो अनपढ़ स्त्री – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 बला की खूबसूरत थी वो स्त्री…. सजने संवरने के बाद तो उस पर चार चांद ही लग जाते थे…..हाव-भाव , तौर तरीकों से कोई समझ ही नहीं सकता था कि वो अनपढ़ है ….उसके पास कागज की डिग्रियां जो नहीं थी …! पर वो जिंदगी के समीकरण को खूब समझती थी  …रिश्तो के जोड़ घटाव … Read more

कैसे-कैसे लोग –  विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” सीमा..किसी का फ़ोन आ रहा है..मैं तुमसे फिर बात करती हूँ..।” कहते हुए अंजू ने फ़ोन डिस्कनेक्ट कर दिया।     सीमा की पड़ोसन थी अंजू।दोनों ऊपर-नीचे के फ़्लैट में रहतीं थीं।अंजू अक्सर ही सीमा के घर चली आती और सास-ननद, पति-बच्चे की बातें करती।कभी बहुत प्रशंसा तो कभी बहुत शिकायत।सीमा उसकी बातें सुनती..हाँ- हूँ कर … Read more

“टका सा मुँह लेकर रह जाना” – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

आओ आओ , दीनानाथ कैसे हो? बहुत दिनों बाद आये हो, कहा गये थे? मैं कुम्भ नहाने चला गया था।पूरे पंद्रह दिन वही था, बहुत अच्छे  से दिन बिता वहाँ पर। रोज सुबह नहाना , पूजा पाठ ,दिन भर भजन  मज़ा आ गया था । तुम क्यो नही गये  सुभाष ?क्या बोलू, जाना तो चाह … Read more

क्या मैं बेटी नहीं – सुरभि शर्मा : Moral Stories in Hindi

घर और ऑफिस का काम निपटाते निपटाते सौम्या बहुत थक जाती |घर में सहायक थे पर वो काम कर के चले जाते और घर में छोटे छोटे काम भी बहुत हो जाते और साथ ही दो बच्चों की जिम्मेदारी भी थी, उसने अपनी सास को कुछ दिन के लिए आने को कहा, तो उन्होंने कहा … Read more

अधूरी मुलाकात – रश्मि श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

आज विपुल जब से अपने दोस्त डॉ पराशर से मिलकर आया है कुछ अनमना बेचैन सा है और कारण है वही पुराना चेहरा और उस से जुड़ी सभी यादों का जिन्दा हो जाना। आज 20 साल बाद भी मानो कल की ही बात लगती है जब विपुल आस्था के घर अचानक ही रात में पहुंचता … Read more

एक घुटन भरे रिश्ते से आजादी मिल ही गई – रंजीता पाण्डेय  : Moral Stories in Hindi

आज सुकून मिल रहा है | घुटन नही हो रही है | इतना बड़ा फैसला लेना ,वो भी इस उम्र में | चौहतर, साल की उम्र कैसे निकल गई  ,पता ही नही चला | अब उम्र के आखिरी पड़ाव पे आराम से अपने श्री मान जी के साथ आराम से जीना चाहती हू| अभी भी … Read more

माँ मैं नहीं चाहती थी कि – महजबीं : Moral Stories in Hindi

हो सकता है  दूसरों के लिए ये बात छोटी हो पर नीलू के तो पैरों के नीचे से जैसे ज़मीन निकल गयी। पर नीलू ने यही सोचा कि अगर उसने इस बात का जिक्र घर में किया तो हंगामा होगा और कई रिश्तों में दरार आ जाएगी जिसको भरना  शायद मुश्किल होगा।  आज जब आहान … Read more

एक लंबी लिस्ट – शिखा जैन : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही सुधांशु जी के घर में  मेला सा लगा हुआ था।उनके बड़े भाई-भाभी, छोटे भाई, भाई की पत्नी रेखा, तीनो बेटियां, दामाद सभी एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने इकट्ठे हुए थे। चर्चा का विषय था-सुधांशु जी के इकलौते बेटे ध्रुव के लिए लड़की देखने जाने वालों की सूची तैयार करना और … Read more

पत्नी का हक – अमृत : Moral Stories in Hindi

आज करुणा देवी बैंक से रुपए निकालने के लिए गई। बैंक में कैशियर ने बोला कि आपके अकाउंट में सिर्फ डेढ़ लाख रुपए का ही बैलेंस है। करुणा देवी को  5 लाख रुपये  की जरूरत थी। करुणा देवी परेशान होकर पास तक की कुर्सी पर ही बैठ गई। वे सच में पड़ गई कि अकाउंट … Read more

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