अब और नहीं सहना – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   सुबह सुबह निशा तेजी से हाथ भी चला रही थी और माला के लिए कुछ भला बुरा बोलने के साथ साथ चितिंत भी थी। माला उसकी मेड थी, जो घर का सारा काम संभालती थी। दो दिन से उसके न आने से घर का सारा काम बिखरा पड़ा था।निशा किसी तरह काम निपटा कर आफिस … Read more

आँसू पीकर रह जाना – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

कभी कभी जीवन में आँसू पीकर रहजाना पड़ता है क्योंकि कुछ बातें हमारी पहुँच से दूर होती हैं और हम वहाँ कुछ नही कर पाते।    एक निर्धन परिवार में जन्मा भोला अपने नाम के अनुरूप ही सहज सरल था।उसकी एक वृद्ध बीमार माँ थी– पिता बचपन में ही चलेगए थे– एक छोटी बहन थी।बेचारा भोला … Read more

“दादी का अडिग फ़ैसला” – ज्योति आहूजा  : Moral Stories in Hindi

कमरे के कोने में धूप धीरे-धीरे उतर रही थी — वहीं, जहाँ रीमा बैठी थी। टेबल पर बिखरी किताबें, कॉपियों के बीच बच्चों के बनाए रंगीन कार्ड — थैंक यू मैम, यू आर द बेस्ट टीचर ।उसकी मेहनत और आत्मनिर्भरता के साक्षी थे। वो विज्ञान की अध्यापिका थी — पढ़ी-लिखी, समझदार और सबसे बड़ी बात, … Read more

आंसू पीकर रह जाना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

अरे तन्वी निकल रही हूं मैं घर से और तेरे ही घर आ रही हूं। तु तो एक बार बुलाने लगती है,तो फिर रूकती ही नहीं है। बस मैं दो मिनट में तेरे घर पहुंच जाऊंगी । लगता है आंटी ने आज गरम-गरम समोसे बनाए हैं,इसीलिए तो तु मुझे इस तरह बुला रही है। वह … Read more

अब और नहीं – अंकिता सिंह : Moral Stories in Hindi

सपना एक समझदार, मेहनती लड़की थी। माँ के गुज़रने के बाद घर की सारी ज़िम्मेदारी उसी पर आ गई। घर के छोटे भाई-बहनों की पढ़ाई, खाना, सिलाई—हर काम में वह निखरती गई, लेकिन खुद को पीछे छोड़ती गई। उसका सपना था एक दिन शिक्षिका बनने का, लेकिन हालातों ने उसकी ज़ुबान को चुप करा दिया। … Read more

तलाक – संगीता स्थाना : Moral Stories in Hindi

सीमा के परिवार वाले बेहद ख़ुश थे ।फाइनली सीमा को आजादी मिल गई थी —अपने पति से ।माँ के चेहरे पर शकून था जीत की अपार ख़ुशी थी ।उन्होंने अपने कामवाली को कड़क चाय बनाने को बोला —- “अरे नीता – कड़क चाय बना हम सब के लिए  मिठाई और नमकीन भी ले आना आज … Read more

कान भरना – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

“मीनू की मम्मी देखा, जब से अमित विदेश गया है, आपकी बहू उर्मी कभी इसके साथ, कभी उसके साथ खिलखिलाती घूमती है।” ” मूवी, कभी बाजार। थोडी बहुत लाज शरम है या नहीं।” ” गुडिया को दादी के भरोसे छोड जाती है। आप सब झेल लेती हो। अकेली पता नहीं कहां कहां भटकती है।” मीनू … Read more

पछतावा या छलावा – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

पहली ही नजर में तनुश्री भा गई थी सोमेश्वर जी को।बहू के रूप में ऐसी ही लड़की की कल्पना की थी उन्होंने।गए तो थे किसी दूसरी लड़की को देखने,पर उनके परिवार वालों का व्यवहार और लड़की की अति आधुनिकता उन्हें पसंद नहीं आई। लौटते हुए अपने भांजे के अनुरोध पर तनुश्री के घर पहुंचे थे … Read more

कान भरना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

रामायण के प्रमुख पात्र दशरथनन्दन श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। पूरे अयोध्यावासी राम के राजा बनने की खुशी में नाच-गाकर उत्सव मना रहे थे।अगले दिन राज्याभिषेक की तैयारी में गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र अन्य पंडित -पुरोहितों के साथ विचारमग्न थे।राजा दशरथ और रानी कौशल्या अपने ज्येष्ठ पुत्र राम के राज्याभिषेक … Read more

कान भरना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

रूही दीदी देखो सोनी ने आपकी बेग से नई पेन निकाल ली और दूसरी पुरानी पेन रख दी। यह सुनते ही सोनी तुरंत लगभग चीखते हुए आई और कहने लगी।   सोनी तुमने मेरी पेन क्यों ली?? तुम जानती हो मुझे यह सब पसंद नहीं है । मैं तो कभी भी तुम्हारी बेग से कुछ नहीं … Read more

error: Content is protected !!