ठोस कदम -अंजना ठाकुर Moral stories in hindi

रानी घर घर जा कर काम बर्तन मांजने का काम करती है ।दिखने मैं वो बहुत सुंदर थी लेकिन आत्मसम्मान उस मैं  कूट कूट कर भरा था वो अपना काम बहुत ईमानदारी से करती थी । आज बिल्डिंग में कोई नई फैमिली आई थी उनका बीस साल का बेटा है सूरज ।रानी उनके यहां भी … Read more

दिन में तारे नज़राना – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

एम बीए पास रचना का रिश्ता जब संयुक्त परिवार में तय होगया,तो उसकी माँ ने कहा बेटा माना तुम्हें कुकिंग में जरा भी रूचि नही है,बैसे भी जॉव करते समय तुम्हें इस सब के लिए शायद समय भी न मिले। लेकिन थोड़ी बहुत कुकिंग आना बहुत जरूरी है,ताकि ससुराल जाने पर कुछ सुनना न पड़े।हां … Read more

दिन में तारे देखना… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

सासू मां की तो कभी उनके जीते जी कदर ही नहीं की रम्या ने… ना कभी कोई रीति रिवाज जानना चाहा… ना कोई गांव घर, नाते रिश्ते, ही निभाए… हमेशा यही कहती रही की… “मां हैं ना… वह कर ही रही हैं तो मुझे क्या…!”  पर सासू मां जल्द ही उसका साथ छोड़ कर चल … Read more

मायका -शुभ्रा बैनर्जी Moral stories in hindi

शुभि के बच्चे अब बड़े हो गए थे।बचपन में ननिहाल जाने का जो उत्साह रहता है,समय के साथ-साथ वह कम होता जाता है।समर वैकेशन मतलब ननिहाल होता था पहले।शुभि आज भी सोच रही थी ,काश पहले वाले दिन फिर लौट आते। गर्मी की छुट्टियां पड़ते ही ,बच्चों के कंधे पर रखकर चलाई गई गोली सीधे … Read more

हर बीमारी दवा से ठीक नहीं होती- कान्ता नागी । Moral stories in hindi

भगवान दास जी रेलवे कर्मचारी थे,वास्तव मे वे स्टेशन मास्टर थे।उनकी पत्नी राधिका जी कुशल गृहिणी थी।भरत और भारत दो पुत्र जो पढ़ाई खत्म कर नौकरी कर रहे थे।उनकी पुत्री का नाम मीरा था जिसने एम ए पास किया था।आजकल भगवान दास जी छुट्टी मे आए हुए थे। उन्होंने अपने सहयोगी के पुत्र मनीष के … Read more

तू अच्छी सास बनकर दिखा। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

अरे! क्या हुआ? बहू पर इतना गरम क्यों हो रही है? जब देखो तेरा तो दिमाग ही चढ़ा रहता है, अपने स्वभाव में नरमाई ला, पर तू तो मेरी कभी सुनती ही नहीं है, सास बन गई पर बहू को ढ़ंग से रखने की तुझमें अभी तक भी अक्ल नहीं आई, प्यार और दुलार से … Read more

आत्मग्लानि – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : -कैंसर की पीड़ा भोग रही रेणुका चौथे स्टेज पर पहुंच गयी है ।डाक्टर ने जवाब दे दिया है ।बेड पर पड़ी पड़ी उब गई है वह ।कहने को अब कुछ भी नहीं बचा है ।सोचते हुए अतीत में पहुंच गयी है रेणुका ।माता पिता की दुलारी तो बहुत थी वह … Read more

प्यार से बड़ा फर्ज –  अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  रजनी अपने भाई विशाल से बहुत प्यार करती थी उसको जरा सा भी दुखी नहीं देख सकती थी क्यूंकि रजनी के माता – पिता  विशाल दो साल का था  तब एक  हादसे मै गुजर गए रजनी को आज भी याद है जब मां उसके पास छोड़कर  जा रही थी तब … Read more

अपने घर से मायका बन जाने का सफर – संगीता अग्रवाल 

दुल्हन के जोड़े मे सजी रितिका विदाई से पहले अपने पूरे घर को बड़ी हसरत से निहार रही थी। वो घर जो कुछ देर बाद ही उसे छोड़ कर जाना है। अचानक उसकी निगाह हलवाइयों का हिसाब निमटाते पिता पर गई एक दिन मे ही कितनी मायूसी छा गई उनके चेहरे पर अपनी लाडो को … Read more

सबसे बड़ा ज्ञानी  : Moral Stories in Hindi

 “अरे विशेष तुम तो भई अब हमें पूछते भी नहीं…… अपने चाचा से इतनी नाराज़गी किस बात की?”पड़ोस में रहने वाले मुकुल चाचा ने विशेष से कहा जो ऑफिस से आकर अपने घर की तरफ़ जा रहा था  “नमस्ते चाचा जी,ऐसा कुछ भी नहीं है जो आप सोच रहे हैं…बस आजकल काम की अधिकता की … Read more

error: Content is protected !!