अपनों का साथ – उषा बूचा : Moral Stories in Hindi

 रमेश जी का बेटा , विनय अच्छे से कारोबार सम्भाल रहा था पर पता नहीं किस दोस्त की दोस्ती रंग लाई , कि विनय क्रिकेट मैच के सट्टे खेलने लगा , पहले थोड़ा जीतने पर लालच बढ़ गया और हारता गया ! कितने दोस्तों से रूपए भी उठा लिए ! रमेश जी का ध्यान गया … Read more

माँ की आलमारी – प्रीति आनंद : Moral Stories in Hindi

माँ को गए आज छह महीने हो गए। पल-पल उनके याद में आँखें नम हो जाती थीं। जैसे कोई दुःख का बादल ठहर-सा गया था…. मेरे दिल पर। आज मैंने पहली बार उनकी अलमारी खोली है। न जाने कितने तरह का समान सलीक़े से लगा हुआ है। साड़ी-ब्लाउज़ के सैट बना कर कितने हिसाब से … Read more

मजाक – श्याम आठले : Moral Stories in Hindi

“देखिये, दहेज के हम सख्त खिलाफ हैं। शादी तो आप अच्छी करेंगे ही।हमारी तरफ के लगभग दोसौ बराती रहेंगे। आप अपनी बेटी को पंद्रह तोले सोना दें। बाकी जो अपने दमाद को आप देना चाहें आपकी मर्जी।” विकास के पापा जगत नारायण जी बोले। “—————” ममता के पापा त्रिभुवन जी की तरफ से कोई जवाब … Read more

*उलझन* – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

      अरे रमेश इतने दिन बाद दिखाई दिये हो,कहाँ थे?        सुरेश तुम,वास्तव में भाई काफी दिनों में मुलाकात हुई है।असल  मे भाई मैं बेटे के पास  विदेश चला गया था।इसी कारण मुलाकात नही हो पायी थी।खैर अब मिलते रहेंगे।        रमेश और सुरेश बचपन के मित्र थे।रमेश के एक बेटा था जो अमेरिका में जॉब कर रहा … Read more

मेरी गुड़िया – नीलू सुराना : Moral Stories in Hindi

एक दुकान से मन्नू खरीददारी कर रही थी । तभी दुकान के मालिक को 6-7साल के लड़के से कहते सुना। बेटा तुम्हारे पास गुड़िया खरीदने के पूरे पैसे नहीं हैं। तभी लड़के ने मन्नू की तरफ देखकर पूछा क्या आपको भी लगता है कि मेरे पास पूरे पैसे नहीं हैं। मन्नू ने पैसे गिनकर कहा,हां … Read more

माँ का प्यार – संजय निगम : Moral Stories in Hindi

“सुबह का समय था। सूरज की हल्की किरणें खिड़की से अंदर झांक रही थीं। माँ अपने छोटे बेटे को निहारते हुए मुस्कुरा रही थी। बेटा, जो शायद अभी-अभी चलना सीख रहा था, छोटे-छोटे कदमों से कमरे के एक कोने से दूसरे कोने तक जा रहा था। उसके पैरों की थोड़ी लड़खड़ाहट और संतुलन बनाने की … Read more

*पलायन* – पुष्पासंजय नेमा  : Moral Stories in Hindi

लेटे लेटे बरबस  ही आलोक  की ऑखे नम हो गईं  और ऑसू लुढ़क  कर गालो तक बह गए छः माह  तो हँसी  खुशी और  उल्लास  से कट गए  लेकिन वाकी का वक्त  बोझिल  लग रहा था वीडियो काल पर मां  से बात  करते करते मन उदास  हो गया और  अतीत के महासमुंदर मे गोते लगाने … Read more

जरा देखो हम कहां से कहां आ गए – मंजू तिवारी   : Moral Stories in Hindi

जरा देखो हम कहां से कहां आ गए…. आलू की टिक्की खाने वाले बर्गर पर आ गए  कानों को झरनाहट देने वाली पानी पूरी छोड़ हनी चिली पोटैटो पर आ गए  जरा देखो हम कहां से कहां आ गए  दही बड़े के दीवाने अब मोमोज पर आ गए  मां के हाथ की सिमरिया छोड़ चाऊमीन … Read more

अपना घर अपना घर ही होता है – रिया जैन   : Moral Stories in Hindi

घर, सिर्फ एक भवन नहीं होता; यह वो जगह होती है जहां व्यक्ति खुद को सबसे सुरक्षित और स्नेहभरी भावना से घिरा पाता है। इसका वास्तविक मतलब तब समझ में आता है जब हम घर से दूर होते हैं। मेरा अनुभव भी कुछ ऐसा ही था जब मैं उच्च शिक्षा के लिए दूसरे शहर चली … Read more

लव मैरिज – नीलम नारंग : Moral Stories in Hindi

मां बेटी में अकसर ही बहस चलती रहती थी। कभी-कभी यह बहस लड़ाई का मुद्दा भी बन जाती थी और मां बेटी में अबोला भी हो जाता था। सलमा नहीं चाहती थी  कि वो अपने  ममेरे  भाई से शादी करे। उसे शोएब कभी से ही पसंद नहीं था , दूसरी बात वह कोई काम भी … Read more

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