“!!!! वंश !!!!” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” अरे राहुल कहाँ जा रहा है भाभीजी को लेकर इस समय !” देवेन ने अपने दोस्त को रोकते हुए पूछा । ” अरे यार एक डॉक्टर का पता लगा है जो गर्भ मे बच्चे की जांच करती है और अगर कुछ इधर उधर हो तो गर्भपात भी कर देती है तो बस तेरी भाभी … Read more

मैं तो बस मां की इच्छा बता रही हूं। – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

शकुन्तला जी बिलकुल जीर्णावस्था में आ चुकी थीं । सभी ने उनके बचने की उम्मीद छोड़ दी थी । बस अब किसी भी वक्त भगवान के घर से उनका बुलावा आ सकता था । उनके दोनों बेटे, बहुएं और पोता पोती सब आखिरी वक्त उनकी सेवा में लगे थे। उनकी बेटी अंकिता भी अपनी माँ … Read more

“दूसरा सूरज” -: Moral Stories in Hindi

किरण देवी अपने जीवनसाथी की मृत्यु के बाद गहरे अकेलेपन में जी रही थीं। उनका बेटा और बहू विदेश में थे और अपनी व्यस्त जिंदगी में उलझे हुए थे। उन्होंने किरण को इस वृद्धाश्रम में रहने के लिए कहा ताकि वह अपने हमउम्र लोगों के साथ समय बिता सकें। यह वृद्धाश्रम अन्य वृद्धाश्रमों से अलग … Read more

बालभोज – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बालदिवस है कुछ खास करो वरिष्ठ शिक्षक रामप्रसाद जी ने बालदिवस आयोजन की मीटिंग शुरू होते ही उपस्थित छात्र प्रतिनिधियों की तरफ देखते हुए कहा। जी सर … वो …हम लोग भोज का आयोजन करना चाहते हैं जिसे हम बच्चे ही बनाएंगे छात्र प्रतिनिधि रोहित ने जल्दी से अपनी बात रखी। बहुत बढ़िया प्रस्ताव है … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रितु और मीतू दो बहने थी | दोनो की एक ही घर में शादी हुई थी | रितु बहुत खुश रहती थी ,लेकिन मीतू बहुत दुखी  रहती थी |दोनो अपनी मम्मी से मिलने आई थी | मीतू ने बहुत सारी शिकायत अपने सास  की ,अपने मम्मी से  किया | और बोला मम्मी, सास हमको बिल्कुल … Read more

सबक – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

एक सुनसान सवेरे, वृद्धाश्रम के बाहर, एक बुजुर्ग व्यक्ति बेहोशी की हालत में पाया गया। वहाँ से गुजरते लोगों की निगाह पड़ते ही तुरंत आश्रम के कर्मचारियों को सूचना दी गई। यह घटना इतनी अचानक हुई कि प्रत्येक व्यक्ति स्तब्ध रह गया। वे बुजुर्ग जिस तरह से वहाँ पड़े थे, उससे यही प्रतीत होता था … Read more

मुट्ठी से फिसलती रेत. …. – राजश्री जैन : Moral Stories in Hindi

वसुधा जी और आकाश जी जिंदगी के इस पड़ाव पर थक का यह मान चुके थे कि उनका बेटा राघव अब उनके पास नहीं आएगा . वो दोनों बहुत दिनों तक उसका इंतज़ार करते रहे और फिर दुखी हो कर रह जाते थे तो सोचा अब उसे भुला ही देना चाहिए वर्ना अक्सर रात को … Read more

क्या मैं बेटी नहीं – सुरभि शर्मा : Moral Stories in Hindi

घर और ऑफिस का काम निपटाते निपटाते सौम्या बहुत थक जाती |घर में सहायक थे पर वो काम कर के चले जाते और घर में छोटे छोटे काम भी बहुत हो जाते और साथ ही दो बच्चों की जिम्मेदारी भी थी, उसने अपनी सास को कुछ दिन के लिए आने को कहा, तो उन्होंने कहा … Read more

अधूरी मुलाकात – रश्मि श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

आज विपुल जब से अपने दोस्त डॉ पराशर से मिलकर आया है कुछ अनमना बेचैन सा है और कारण है वही पुराना चेहरा और उस से जुड़ी सभी यादों का जिन्दा हो जाना। आज 20 साल बाद भी मानो कल की ही बात लगती है जब विपुल आस्था के घर अचानक ही रात में पहुंचता … Read more

एक घुटन भरे रिश्ते से आजादी मिल ही गई – रंजीता पाण्डेय  : Moral Stories in Hindi

आज सुकून मिल रहा है | घुटन नही हो रही है | इतना बड़ा फैसला लेना ,वो भी इस उम्र में | चौहतर, साल की उम्र कैसे निकल गई  ,पता ही नही चला | अब उम्र के आखिरी पड़ाव पे आराम से अपने श्री मान जी के साथ आराम से जीना चाहती हू| अभी भी … Read more

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