आसमान पर उड़ना – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

नीरा को तीन-तीन बेटों की माॅं बनने का घमंड तो पहले से ही था।चौथी बार भी बेटे की माॅं बनने पर वह आसमान में उड़ने लगी। उसे अपने चारों बेटे अजूबा लगते थे।उसे भ्रम था कि परिवार और समाज उसके चारों बेटे को देखकर जलते हैं,इस कारण वह सदैव अपने बेटों के साथ रहती। स्कूल … Read more

आसमान में उड़ना – खुशी : Moral Stories in Hindi

राजीव एक मेहनती लड़का था।गरीबी से ऊपर आया स्वमेहनत से समाज में एक मुक्क।म हासिल किया।घर में मां और राजीव ही थे।आज राजीव की गिनती बड़े अफसरों में होती।मां हमेशा कहती बेटा कभी भी ईमानदारी मत भूलना और गरीबों की मदद करना। बचपन से गरीबी भुखमरी देखने के बाद वो ऊपर आया था तो उसे … Read more

पांव जमीन पर रखो – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

  “ ओह भाभी, ये क्या दाल बनाई है, तड़का तो दिख ही नहीं रहा, और ये  आलू की सब्जी, कुछ मीठा बनाया या नहीं, न रायता ना सलाद, ले जाओ ये सब, मैं नहीं खा सकती , मैं अभी कुछ बाहर से आर्डर करती हूं, आजकल तो जमैटो वगैरह से जो मर्जी मगांओ, मिंटों में … Read more

अव्यक्त पितृत्व: अनुपस्थिति का स्पर्श – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

सर्दियों की उस सुबह, जब सूरज की किरणें धुंध को चीर रही थीं, रवि खिड़की के पास खड़ा था। उसकी बेटी आरती का विवाह-कार्ड उसकी उंगलियों के बीच था – चमकीला, भारी कागज पर सुंदर टाइपोग्राफी। एक पल के लिए उसकी निगाह कार्ड पर पिता के नाम के खाली स्थान पर अटक गई। **”श्रीमान…”** वहां … Read more

मेरी सासु माँ बहुत समझदार है – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

कुमुद ऑफिस से आकर कॉलवेल बजाने ही जा रही थी कि देखा कि दरवाजा खुला है और उसे अपनी ननद की आवाज सुनाई दी। उसने सोचा चलो अच्छा है दीदी आ गईं तो माँ का मन लगा रहेगा।कुमकुम दिनभर घर मे रहती थी तो माँ को बहुत अच्छा लग रहा था, पर दो दिन पहले … Read more

पट्टी पढाना! – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

सुलेखा शीघ्र ही, अपने घर पहुंच जाना चाहती थी, वह चाहती थी कि नवीन के घर आने से पहले ही, वह घर अपने घर पहुंच जाए किंतु आते समय ,कोई ऑटो नहीं मिला,और रास्ते बहुत भीड़ भी थी इस कारण से उसे देर हो गई। मन में अनेक चिंताएं घर कर गई थीं।  नवीन आएंगे … Read more

सही तो कहती है मां – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

टूना कब से कह रही हूं  पापा को बोल  जल्दी से मेडिकल स्टोर से दवा ले आएं बहुत तेज सिरदर्द हो रहा है मेरा किसी को मेरा ख्याल ही है कनक खीझ कर तीसरी बार बोल उठी। मम्मा मै कितनी बार कह चुकी पर पापा सुन ही नहीं रहे हैं टूना की बात सुन कनक … Read more

पट्टी पढ़ाना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

शर्मा जी के परिवार में कहने को दो बेटे रवि और किशन दोनों भाइयों का भरा पूरा परिवार था। दोनों भाई एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे मगर कुछ दिनों से रवि कुछ बदला बदला सा नजर आने लगा । उसके दोस्तों ने उसके घर की संपत्ति को लेकर ऐसी पट्टी पढ़ाई कि वह … Read more

पट्टी  पढ़ाना – महजबीं : Moral Stories in Hindi

मौसी जी मम्मी को पट्टी पढ़ा रही थी और  नेहा उनकी बातों को ध्यान से सुन रही थी। मौसी जी  अयान भैया  की शादी मे  किसी कारण वश नहीं आ पायी थी।  वो भोपाल मे रहती थीं और हम नागपुर में।  अब शादी के दो महीने के बाद वह भाभी को देखने आयी थीं। शादी … Read more

अंगारे उगलना – प्रीती श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

रूपा किचन में खड़े-खड़े अपने आंखों से बहते हुए आंसुओं को रोकने की कोशिश कर रही थी ,लेकिन यह आंसू रुक ही नहीं रहे थे और रूपा सोच रही थी कि उसका पति आदित्य अगर आज जिंदा होता तो कितना अच्छा होता उसे इतनी सारी बातें नहीं सहनी पड़ती ….| रूपा निम्न मध्यम वर्ग परिवार … Read more

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