मैं तुम्हारी माँ के बंधन मे और नहीं रह सकती – मंजू सक्सेना : Moral Stories in Hindi

  “मैं तुम्हारी माँ के बंधन मे और नहीं रह सकती …मुझे अलग घर चाहिए जहाँ मैं खुल के साँस ले सकूँ”,पलक रवि को देखते ही ज़ोर से चिल्ला उठी। बात बस इतनी थी कि सुलभा ने रवि और पलक को पार्टी मे जाता देख कर इतना कहा था कि वो रात दस बजे तक घर … Read more

माँ का अपमान – वर्तिका दुबे : Moral Stories in Hindi

आज तो हद हो गई…आज जो कुछ भी घर में हुआ मेरी सहनशक्ति अब समाप्त हो गई है.. अर्पिता रोते हुए सोच रही थी,…अभी तक तो उसके पति और सास-ससुर ने ही उसके अपमान का जिम्मा ले रखा था.. आज तो उसके जेठ भी शुरु हो गए ।अर्पिता एक शिक्षित एवं समझदार स्त्री है..उसकी शादी … Read more

एक यशोदा ऐसी भी – मधु जैन : Moral Stories in Hindi

रानो की टोली ताली बजाते हुए गेट के अंदर आकर जोर से आवाज लगाते हुए “लाओ अम्मा लालन की बधाई।” और ढोलक की तान पर यशोदा के घर लालन भयो गाने पर ठुमके लगाने लगी। अम्मा नवजात शिशु को कपड़े में लपेटकर, “ले संभाल इसे, तुम्हारी ही जात का है। ले जाओ यहाँ से।” तभी … Read more

बहु चाहे जितना भी कर ले …. वो बेटी नहीं बन सकती – सिफा खान : Moral Stories in Hindi

रामप्रकाश जी के घर का आँगन हमेशा खुशियों से गूंजता था। उनकी पत्नी, कमला, घर की लक्ष्मी थीं और उनकी बेटी सिया उनकी आँखों का तारा। सिया की शादी हो गई, और वह दूसरे शहर चली गई। घर सूना हो गया, लेकिन कुछ महीनों बाद उनके बेटे, रवि की शादी हुई और उनकी बहू, पूजा … Read more

नाम – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” सुनिये जी..हम कैसे लग रहें हैं…हमारी वजह से शैलेश का मज़ाक तो नहीं होगा ना….।” शीशे में खुद को निहारकर अपनी साड़ी का पल्ला ठीक करती हुई सुनंदा जी अपने पति श्रीकांत बाबू से पूछी तो वो हा-हा करके हँसने लगे…फिर उनके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखते हुए बोले,” अब इस उम्र में … Read more

बांह चढ़ाना – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“अरे अमन! आज लंच नहीं करना है क्या?” “लगता है आज घर से बहुत खा कर आया है!” “हां हां, कुंभकरण की तरह!” “इसलिए कुंभकरण की तरह घोड़े बेचकर सो रहा है!” अपने सहपाठियों की ये टिप्पणियां सुनकर अमन गुस्से में उठा और अपनी बांह चढ़ा ली। “मैं कुंभकरण हूं ना! अब दिखाता हूं तुम्हें … Read more

सम्मान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   ” अरे सतीश…तुम क्यों उस बिचारे की पिटाई कर रहे हो..बात-बात पर अपनी #बाँह चढ़ा लेने की तुम्हारी आदत अभी तक गई नहीं है..चलो यहाँ से..।” सतीश का हाथ पकड़कर खींचते हुए नवीन उसे भीड़ से बाहर आ गया।सतीश गुस्से-से बोला,” तू मुझे क्यों ले आया… मैं तो मार-मारकर उसकी हड्डी-पसली एक कर देता।”     ” … Read more

आखिरी फैसला – खुशी : Moral Stories in Hindi

रती एक सर्वगुण सम्पन्न बहु,पत्नी और दो बच्चो की मां थी।उसके पति राजेश एक बिजनेस मैंन थे ।दो बच्चे विशाल और मेघा दसवीं और बारवीं में पढ़ते थे।दोनो पढ़ने में जहीन थे। कुल मिलाकर एक सुखी परिवार था। दुनिया के लिए सुखी परिवार था परंतु रती की घर में कोई इज्जत नहीं थी पति राजेश … Read more

कुछ करिए – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

नहीं मैने नहीं फेंका यह कचरा मुझे क्या पता किसने फेका है क्या मैं किसी खोजी विभाग में नौकरी करता हूं.. आप लोग भी ज्यादा करमचंद जासूस बनने की कोशिश मत कीजिए वरना मुझसे बुरा कोई ना होगा कहे देता हूं… हमेशा की तरह बांह चढ़ाता शिवदयाल सबको परास्त किए दे रहा था। मॉर्निंग वॉक … Read more

भाग्यहीन – खुशी : Moral Stories in Hindi

नंदिनी एक भरेपूरे परिवार की लड़की थी। दो भाई भाभियां मां पिताजी भतीजा भतीजी सबकी लाडली ।देखने में भी सुंदर पढ़ी लिखी पर लाड प्यार के कारण जिद्दी घर का कुछ काम भी ना करती भाभियां कहती लाडो कुछ सीख लो कुछ काम आएगा।मां समझाती कुछ काम किया करो । पर भाई कहते अरे हम … Read more

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