“रिश्तों की मर्यादा ” – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi
सुबह सुबह भैया का फोन आया “पापा नहीं रहे “।किसी तरह परिवार को बोल कर जल्दी से निकल गई वेदिका ।महज ससुराल से तीन किलोमीटर दूर के फासले पर ही तो सबलोग ।पर शादी होकर ससुराल गई तो वहीं की होकर रह गई थी वह।विदा होते समय माँ ने आँचल मे दूब अक्षत के साथ … Read more