रिश्तों की मर्यादा – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय
“देखो शुभी यह क्या है मेरे पास!” ,शुभी का पति शुभम मुस्कुराते हुए कमरे में आया। उसे मुस्कुराते हुए देखकर शुभी ताजुब में पड़ गई “ऐसा क्या हो सकता है?” वह सब काम छोड़कर उसके पीछे पीछे गई “क्या है दिखाओ?” “नहीं ऐसे नहीं शुभम ने अपने हाथ पीछे कर लिया। “ नहीं मुझे दिखाओ … Read more