राज खोलना – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

आज जानकीदास इमरजेंसी लेबर रूम के बाहर चिन्ता जनक मुद्रा में बैठे थे। अन्दर उनकी पत्नी पार्वती की डिलीवरी जो होने वाली थी। तभी डाक्टर बहार आकर बताती है देखिए जानकी जी मैंने आपको पहले ही बता दिया था ये केश बहुत की उलझनों से भरा है इसमें ऐसा भी हो सकता हमें बच्चे या … Read more

“एक पन्ना, कई राज़”- ज्योति आहूजा

रविवार की सुबह थी। धूप अलमारी के काँच पर सरकती हुई जैसे बीते वक़्त को सहला रही थी। काव्या अपने पुराने सूट-कपड़े जमाने में लगी थी, और पास ही बैठी अन्वी कुछ सोच रही थी — वो अब 12वीं पास करके प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। लेकिन किताबों के बीच उसकी दुनिया बस … Read more

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