ये गंवार औरत ,मेरी माँ है- लक्ष्मी त्यागी
गौरव बड़े परिश्रम से पढ़ता था, ताकि वह अपनी माँ की उम्मीदों पर खरा उतर सके,उनके अरमानों को पूर्ण कर सके ,उसकी माँ बड़े परिश्रम से और लोगों से ऋण लेकर, उसे पढ़ा -लिखा रही थीं। गौरव के पिता एक अच्छी कम्पनी में कार्यरत थे ,उनके घर में खूब खुशियां और शांति थी। उन्हीं दिनों … Read more