नीचे तबके के लोग – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

 कांती देवी ने नहा धोकर पूजा पाठ कर यानी अपने नित्य निजी काम निपटा कर आँगन में आती तेज धूप का आनंद लेने के लिए वहीं फर्श पर चटाई बिछाकर लेट गईं और मस्त हो भजन गुनगुनाने लगी। तभी उनकी बहु रत्ना दनदनाते हुए अपने कमरे से बाहर आई और कांती जी से बोली मांजी, … Read more

मत भूलो, यह मेरा भी परिवार है – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सरोज जी एक बहुत ही कड़क और सख्त मिजाज महिला हैं। उनके पति की मृत्यु को दस साल बीत चुके थे। सरोज जी के तीन बेटे — रवि, अमित और दीपक थे। तीनों की शादियाँ हो चुकी थीं। जब तक सरोज के पति जीवित थे, घर एक था, भोजन साझा था और रसोई की खुशबू … Read more

मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – मीनाक्षी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शहर के एक शांत मोहल्ले में, एक तीन मंज़िला मकान में अभिषेक अपने माता-पिता के साथ रहता था. वह अपने माता पिता का इकलौता बेटा था और परिवार की गिनती मध्यम वर्गीय परिवारों में होती थी. घर में हमेशा सुख-शांति का माहौल रहता था और अभिषेक को कभी किसी चीज़ की कमी महसूस नहीं हुई … Read more

“जब माँ साथ चलीं…” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

“मेघा कहाँ हो?” पति विवेक ने पत्नी मेघा को आवाज दी। तभी मेघा किचन से आकर पति को कहती है, “कहिए! क्या बात है?” इस पर विवेक मेघा से कहता है, “इस बार मुझे सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी हुई है और बोनस भी ठीक मिला है। तो मैं सोच रहा था कि इस बार बच्चों … Read more

मत भूलो कि यह मेरा परिवार है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi 

पवन ने रीना से कहा मत भूलो कि यह मेरा परिवार है। तुम सुबह-सुबह फेसबुक पर नकारात्मक कमेंट्स पढ़कर प्रतिक्रिया देने की बजाय तैयार हो जाओ। मैंने दफ्तर से छुट्टी ले रखी है। दोनों बेटियों के कॉलेज से आने से पहले ही हम तुम्हारी मम्मी को उनके जन्मदिन की मुबारकबाद देकर आ जाएंगे।     आइए आपको … Read more

शादी के बाद दो जन नहीं, दो परिवार भी एक होते है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

   पिछले कई दिनों से राशि का मूड खराब ही चल रहा था।उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वो क्या करे कि यह समस्या सुलझ जाए। राशि दो भाईयों सागर और सरल की इकलौती और छोटी बहन थी। सब शादी शुदा और अपने घरों में सुखी थे। दोनों भाई और मां बाप सब इकट्ठे … Read more

मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi

 आज सुबह-सुबह ही श्यामली मेरे पिछे पड़ गई! कहने लगी मां तुम कहो ना ! तुम कभी थकती क्यों नहीं . तुम हर वक्त क्यों काम में लगी रहती हो ! तुम दो घड़ी भी आराम क्यों नहीं करती हो? मैं जब बड़ी हो जाऊंगी ! मेरा ब्याह हो जाएगा तो क्या मुझे भी तुम्हारी … Read more

“मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है। – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi

पापा आपने फिर घर गंदा कर दिया -यह बहू मधु थी । अरे बेटा -हाथ हिल जाने के कारण -वे सफाई देने लगे।अभी अभी दुकान से आए थे। फिर तो कपड़े बदलकर खाने बैठ गये-वही भुजिया,रोटी प्याज। मेरे लिए थोड़ा रसदार सब्जी बना दिया करो-मेरा दांत कमजोर है-वे सफाई देते बोले। अब दो तरह का … Read more

“घर को घर बनाया उसने” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

अवनी और जतिन की लव मैरिज है। अवनी बहुत ही सुंदर और साथ ही दिल की भी बहुत अच्छी थी। उधर जतिन भी गुड लुकिंग, स्मार्ट एवं अच्छी कंपनी में कार्यरत था। पहली बार अवनी और जतिन की मुलाकात कॉलेज में हुई थी, जहां जतिन अपने एमबीए का आख़िरी साल पूरा कर रहा था। वहीं … Read more

उपहार में मिली खुशियों की दीपावली – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

रजनी की ससुराल में उसकी पहली दिवाली थी अभी दो महीने पहले ही उसका विवाह रमन से हुआ था। उस की ससुराल बहुत अच्छी थी सभी उसे बहुत प्यार और सम्मान देते थे ऐसी ससुराल पाकर रजनी की खुशी का ठिकाना नहीं था।उसकी सास इंदू जी बहुत ही सुलझी हुई महिला थी रिश्तों को प्यार … Read more

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