दामाद पराया नहीं – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi
“देख सुमि,दो और भी बहुएं हैं उस घर में।बड़ी बहू ने तो स्कूल में नौकरी करके अपनी अलग गृहस्थी बसा ली।ले गई ना पति को अपने साथ।बस अनाज में हिस्सा लेने आ जाती है।छोटी बहू तो अभी भी छोटी ही बनी हुई है। कभी बड़ी होगी भी नहीं।बस रसोई में आकर जिज्जी-जिज्जी कर देती है,और … Read more