दामाद पराया नहीं – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

“देख सुमि,दो और भी बहुएं हैं उस घर में।बड़ी बहू ने तो स्कूल में नौकरी करके अपनी अलग गृहस्थी बसा ली।ले गई ना पति को अपने साथ।बस अनाज में हिस्सा लेने आ जाती है।छोटी बहू तो अभी भी छोटी ही बनी हुई है। कभी बड़ी होगी भी नहीं।बस रसोई में आकर जिज्जी-जिज्जी कर देती है,और … Read more

बेटी के माँ-बाप पराए क्यों? – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

श्रेया ऑफिस मे अपने प्रजेटेंशन की तैयारी कर रही थी।वह नहीं चाहती थी कि उसके काम मे किसी तरह का व्यवधान पड़े, इसलिए उसने अपना मोबाईल भी बंद कर के रखा था। कल उसका प्रजेटेंशन है और अभी तक उसका काम पूरा नहीं हो पाया है । वह भी बेचारी क्या करती वर्किंग वीमेन की … Read more

मत भूलो, कि ये भी मेरा परिवार है। – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

सिया का जब से विवाह हुआ है ,तबसे ससुराल में आकर, अपनी घर -गृहस्थी में रम गयी। अपने मायके में उसका जाना कम ही हो पाता। चलते समय माँ ने कहा था -”ससुराल जा रही हो ,वहां अच्छे से रहना ,कभी लड़कर यहाँ मत आना ,अब वही परिवार तुम्हारा अपना है।”  माँ !ये क्या कह … Read more

घर की मालकिन मैं हूं – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बहू तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई कि,” तुम घर के निर्णय में अपनी राय दे रही हो। मैं जब तक जिंदा हूं, तुम मालकिन बनने के सपने देखना भी छोड़ दो। सास बनने की कोशिश नहीं करो तुम।अपने काम से काम का ही मतलब रखा करो” शोभा जी ने रत्ना को बहुत ही भला बुरा कहा … Read more

मत भलो कि यह भी मेरा परिवार है – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

सूरज की किरणें वृद्धाश्रम के आँगन में धीमे-धीमे फैल रही थीं। चमेली के फूलों से भरी क्यारियाँ और छायादार बरगद के पेड़ के नीचे बैठे कुछ बुज़ुर्ग धीमी आवाज़ में बातें कर रहे थे। उन सबके बीच एक चेहरा था — श्रीधर जी का। सफेद बाल, शांत आँखें और चेहरों पर स्थायी हो चुका एक … Read more

मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है…. – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

आज रिश्तो में तनाव और दूरी सबसे अधिक देखने मिल रही है । युवा पीढ़ी की जीवन शैली बदलती जा रही है।  सामाजिक अपेक्षाओं के कारण रिश्तों की अहमियत कम होती जा रही है।  माना की विचारों और भावनाओं की उम्र नहीं होती है । लेकिन लोग अपने ही अपनों से दूर हो रहे हैं … Read more

समय का पहिया – खुशी : Moral Stories in Hindi

रमा एक पढ़ाकू लड़की थी जो हमेशा कक्षा में अव्वल आती ।घर में मां शांति और पिता रामपाल और दो भाई रतन और मदन।रतन और मदन पढ़ने में जरा कच्चे ही थे।पिता रामपाल मुनीम थे फैक्ट्री में और शांति घर संभालती।बेटों से ज्यादा जुड़ाव था उन्हें पर रामपाल रमा को बहुत चाहते थे उनका मानना … Read more

मत भूलो यह मेरा परिवार है – पुष्पा पोरवाल : Moral Stories in Hindi

आदित्य और आभा है एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं। आदित्य का व्यक्तित्व सुदर्शनी है वह एमबीबीएस कर रहा है। वही आभा डेंटिस्ट की पढ़ाई कर रही है। आभा और आदित्य की मित्रता अब प्यार में बदलने लगी है। आभा की मीठी-मीठी बातें आदित्य का मन मोह लेती हैं। आदित्य धनवान परिवार से है उसके … Read more

मत भूलो की ये भी मेरा परिवार है – मणि त्यागी : Moral Stories in Hindi

घर के लिविंग रूम में शर्मा जी अपने परिवार के साथ बैठे थे , बहु श्रद्धा रसोई से चाय लाकर मेज़ पर रख देती है और वहीँ खड़ी हो जाती है। शर्मा जी श्रद्धा से भी बैठने के लिए कहते है ..अरे बेटा खड़ी क्यों हो ? तुम भी बैठो …ये सुनते ही श्रद्धा भी … Read more

मत भूलो कि ये भी मेरा परिवार है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अरे मधु तुम तो आज आने वाली थी अभी तक  नहीं आई ट्रेन का समय तो निकल गया। मधु की सास     निर्मला देवी ने मधु को फोन किया।। हां मम्मी हां मम्मी अभी भैया भाभी के यहां दो दिन और रुकना है क्यों , भाभी की तबीयत खराब हो गई है उनके यहां … Read more

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