बुढ़ापे का असली सहारा ना बेटा ना बेटी बल्कि बहूं होती है – विनीता सिंह
पंडित राम स्वरूप जी और उनकी पत्नी सावित्री देवी उनके दो बच्चे एक बड़ी बेटी और एक बेटा दोनों बच्चे पढ़ लिख गए बेटी की शादी कर दी ससुराल चली गई। बेटा की नौकरी लग गई वह भी दूसरे शहर में रहने लग सप्ताह में शनिवार को आता और सोमवार की सुबह वापस लौट जाता … Read more