बुढ़ापे का असली सहारा ना बेटा ना बेटी बल्कि बहूं होती है – विनीता सिंह

पंडित राम स्वरूप जी और उनकी पत्नी सावित्री देवी उनके  दो बच्चे एक बड़ी बेटी और एक बेटा  दोनों बच्चे पढ़ लिख गए बेटी की शादी कर दी ससुराल चली गई। बेटा की नौकरी लग गई वह भी दूसरे शहर में रहने लग सप्ताह में शनिवार को आता और सोमवार की सुबह वापस लौट जाता … Read more

बुढ़ापे का असली सहारा ना बेटा ना बेटी बल्कि बहू होती है – हेमलता गुप्ता

गुड़िया बेटा.. देख कुछ समय के लिए अगर आना हो जाए तो आ जाना, तेरी मां कल स्टंट डलवाने जा रही है क्या पता अस्पताल से वापस भी आऊं या ना आऊं! क्या मम्मी… आजकल स्टैंड डलवाना कोई बड़ी बात नहीं है और पहले से ही अगर अपने दिनचर्या और खानपान पर ध्यान देती तो … Read more

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