पत्थर दिल – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

मुझे (नीता) अपने पत्थर दिल बाॅस की कहानी याद आ रही है,जिसे अपने शब्दों में बयां करने की कोशिश कर रही हूॅं। मेरे माता-पिता रोजगार के सिलसिले में मेरे जन्म से पहले ही अन्य राज्य  से आकर मुंबई में बस गए। मेरा जन्म मुंबई में  ही हुआ है। बचपन से ही मुझे लोग खुबसूरत कहते … Read more

पत्थर दिल – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

बरामदे में शहनाई की धीमी गूंज थी। रसोई से पकवानों की खुशबू हवाओं में घुल रही थी। आंगन में औरतें मेंहदी रचाते हुए फ़िल्मी गीत गा रही थीं, और बच्चों की शरारतें कोने-कोने से टकरा रही थीं। सजे-धजे रिश्तेदार, चमकते लहंगे, डिज़ाइनर ब्लाउज़ और हर चेहरे पर कैमरे की तलाश। पर उस शोरगुल और रोशनी … Read more

मां की देखभाल कठिन क्यों? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

अरे दिव्या मुन्ना कब से रो रहा है? कानों में रुई डाल रखा है क्या? पता नहीं कैसी पत्थर दिल मां है, जिसको बच्चे के रोने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता, हेमा जी ने अपनी बहू दिव्या से कहा  इतने में से रसोई से दिव्या अपनी हाथों को अपने कपड़े से पोंछती हुई बाहर … Read more

गलतफहमी – अर्चना सिंह

सुहानी पार्क में चहल कदमी करते हुए छवि का इंतज़ार कर ही रही थी कि उसकी सहेलियों का झुंड उसके पीछे खड़ा हो गया । सबको शुभ होम्स सोसायटी में रहते हुए लगभग सात साल हो गए थे पर इधर जरा पाँच सहेलियों के बीच इन दिनों काफी मनमुटाव सा चल रहा था । कारण..इसी … Read more

पत्थर दिल

” चलिए पापा बाहर थोड़ा सा बाहर घूम कर आते है ”  आरुषि ने देवेंद्र जी का हाथ पकड़ते हुए कहा देवेंद्र जी कुर्सी से उठ कर आरुषि का हाथ पकड़ कर बाहर जाने लगे “रुक जाए दीदी और पापा आप भी “सुमन ने पीछे से कहा “क्या हुआ सुमन ?” नैना ने पूछा ” … Read more

पत्थर दिल – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

नहीं पापा.. मैं उसको किसी भी कीमत पर मनाने नहीं जाऊंगा वह अपनी मर्जी से घर छोड़ कर गई है अगर उसको आना होगा तो स्वयं ही आ जाएगी पर मुझ से दोबारा  लाने की मत कहना! पर बेटा… तू समझने की कोशिश तो कर, तेरा, तेरे बच्चों का क्या होगा? हम कब तक रहेंगे? … Read more

मातृत्व-एहसास – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 कुछ दिनों पहले तक जिस ‘कमला निवास ‘ में खुशियों के गीत गूँजते थे, वहाँ आज मातम छाया हुआ था।आने-जाने वाले लोगों का ताँता लगा हुआ।         घर के बड़े हाॅल के फ़र्श पर एक आठ वर्ष का बालक चिरनिद्रा में सोया हुआ था और उसकी माँ मालिनी उससे लिपटकर रोये जा रही थी,” अंशु, मेरे … Read more

पत्थर दिल – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

डॉक्टर साहब, डॉक्टर साहब किसी भी तरह बस आप मेरी मां को बचा लो। देखो हमने पहले भी कहा है इनकी दोनों किडनी खराब हो गई हैं। जल्दी से जल्दी किसी डोनर को देखिए जो इन्हें अपनी किडनी दे सके। यह है राघव, जिसकी मां अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी। राघव … Read more

इतनी पत्थर दिल कैसे हो सकती है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

मम्मी मम्मी दरवाजा खोलो शिवानी लगातार दरवाजा पीटती  जा रही थी। अंदर गहरी नींद में सोई कुमुद जी उठी  इतनी रात में कौन दरवाजा पीट रहा है। बिस्तर से उठी बत्ती जलाई,। और दरवाजा खोल के देखा तो  सामने शिवानी खड़ी थी । रोती-रोती कुमुद जी के गले लग गई। क्या हुआ शिवानी  बताओ मुझे … Read more

क्या माता-पिता का दिल भी पत्थर हो सकता है। – गीतू महाजन : Moral Stories in Hindi

घर लौटने पर आज फिर राजेश को घर का वातावरण थोड़ा बोझिल लगा।ऐसा लगा जैसा अजीब सा सन्नाटा पसरा हो।बाहर बरामदे में भैया के बच्चों के साथ उसकी बेटी रिया खेलती नज़र नहीं आई।भैया के बच्चे आशु और अवनी उसे देखते ही उसकी तरफ लपके और साथ ही अपने ननिहाल से आए खिलौनों को दिखाने … Read more

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