तू लालची हो गया हैं – स्वाती जैंन :

Moral Stories in Hindi नीलम ने जैसे ही दरवाजा खोला , सामने अपनी सासू मां मालती जी को देखकर चकित रह गई क्योंकि मालती जी जिस तरह से नीलम से बुरा व्यवहार करके घर छोड़कर गई थी , कभी लगा नही था कि फिर कभी वापस आएंगी !! अपने पति शांतीलाल जी के गुजरने के … Read more

 तलाक – सरिता कुमार : Moral Stories in Hindi 

आज रमा मुकदमा जीत गई उसके लिए यह खुशी की बात है ‌। सभी उसे बधाईयां दे रहें हैं लेकिन वह निर्विकार भाव से सभी का अभिवादन में सर झुका दे रही है । उसके चेहरे पर रत्ती भर प्रसन्नता नहीं दिखाई दे रही है । सात वर्षों का मुकदमा में उसे जीत हासिल हुई … Read more

सही फैसला – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सीता और गीता दो सगी बहनें थीं। उनके कोई भाई नहीं था, लेकिन बहनों में ऐसा प्रेम था कि पूरा मोहल्ला उनकी मिसाल देता था। तीन साल का अंतर था उम्र में, पर मन से दोनों एक-दूसरे की परछाई थीं। बचपन से लेकर बड़ी होने तक कभी झगड़ा नहीं हुआ। जब गीता की शादी हुई, … Read more

बदलाव – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

शाम ढल चुकी है। गांव के क्षितिज पर सूरज की आख़िरी किरणें जैसे अपनी पूरी ताक़त से अनामिका के भीतर उजाला भर रही हैं। वह चौदह बरस की एक दुबली-पतली पर गहरी आँखों वाली लड़की है। माथे पर बालों की लटें अक्सर उसकी दृष्टि को ढकती, लेकिन उसके सपनों की राह पर कोई परछाईं नहीं … Read more

  कठोर कदम – अमित रत्ता :

Moral Stories in Hindi राजेश एक मध्यमवर्गीय परिवार का सरल, ईमानदार और मेहनती व्यक्ति था। एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी करता था। उसके इकलौता बेटा था आदित्य। बहुत ही जिसे बहुत ही लाड़ प्यार से पाला था। एक पल भी आंखों से ओझल हो जाए तो माँ बाप की जान निकलने को हो … Read more

 कठोर कदम – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

आरोही ,एक आम मध्यमवर्गीय लड़की का रिश्ता जब गुड़गांव के एक नामी परिवार से आया तो घर में सब फूले नहीं समा रहे थे। एक तरफ जहां उसके रूप और गुणों की चर्चा शुरू से ही घर परिवार और रिश्तेदारी में थी, वहीं संस्कार और परिवार में भी कोई कमी न थी। सब देख समझ … Read more

एक कदम – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ कितनी अजीब बात है ना सुहास… कल तक मुझे चुप करवाने वाले को आज बोलने के लिए मेरी इजाज़त की ज़रूरत पड़ने लगी…।” दृष्टि सुहास को देखते हुए बोली  सुहास चाह कर भी कुछ बोल ना पाया… बस एकटक दृष्टि को देखता रहा और आँखों से अविरल अश्रु धारा बहती जा रही थी…. चाहती … Read more

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