कठोर कदम – गीता अस्थाना : Moral Stories in Hindi

विवाह एक ऐसी हृदय की आन्तरिक आनन्दानुभूति है जो प्रत्येक कन्याओं के हृदय में सुनहरे सपनों के संसार में विचरण कराती है। “अपना घर होगा,पति का साथ,उसका प्यार और मां की तरह वह भी गृहस्वामिनी बनेगी। घर के सदस्यों के साथ उसका भी वर्चस्व होगा ” इन्हीं सुनहरे सपनों की चादर नलिनी बुनती रहती थी। … Read more

औरत हो, गाय नहीं..! – रोनिता कुंडु

आपने देखा? नियति को इस घर में आए हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं और घर में सभी को उसकी पसंद और नापसंद का भी पता लग गया। आज उसके जन्मदिन पर सबने उसे उसके पसंद की चीज़े दी, यहां तक की खाना भी आज सारा उसकी पसंद का बना है, नहीं, मतलब मैं … Read more

तू लालची हो गया हैं !! – स्वाती जैंन

नीलम ने जैसे ही दरवाजा खोला , सामने अपनी सासू मां मालती जी को देखकर चकित रह गई क्योंकि मालती जी जिस तरह से नीलम से बुरा व्यवहार करके घर छोड़कर गई थी , कभी लगा नही था कि फिर कभी वापस आएंगी !! अपने पति शांतीलाल जी के गुजरने के बाद वह नीलम को … Read more

कठोर कदम – डाॅ संजु झा

विनिता आज की घटना से हतप्रभ -सी वेदना के महासागर में डूब गई।आज जो घर में घटित हुआ,उस अग्नि की तपिश में वह चारों बेटियों के साथ झुलसकर रह गई।पति के रौद्र रूप से उसके मन में दरक रही  वेदना का बाॅंध अचानक से टूट पड़ा। ज़िन्दगी में पहली बार कठोर कदम उठाते हुए चारों … Read more

कठोर कदम – करुणा मलिक

मम्मी! कितनी देर से फ़ोन कर रही हूँ , कहाँ थी ?  अरे , वो संध्या को मायके जाना पड़ गया तो बस , तुम्हारे पापा के लिए रोटियाँ सेंक रही थी । ये पीछे से कैसी आवाज़ आ रही है, कहीं गई हुई है क्या ? मम्मी, मैं ट्रेन में हूँ और घर आ … Read more

भगवान के घर देर है अंधेर नहीं- मनीषा सिंह ।

“चाचा जी” मुझे नहीं जाना ससुराल! प्लीज मां-बाबूजी को समझाइए कि मुझे वहां नहीं भेजें!  पर हुआ क्या बेटा!जो तू अपने ससुराल नहीं जाना चाहती? बाता तो सही!  सब कुछ बुरा हो रहा है•• कुछ भी सही नहीं है! कहते हुए नीलू रो पड़ी। भतीजी को रोता देख, उसे गले लगा लिया और उसके आंसू … Read more

कठोर कदम उठाने पड़ते है – अर्चना कोहली ‘अर्चि’ :  Moral Stories in Hindi

“तो मेरे लाख मना करने के बावजूद तुमने अनन्या को घर से निकालने का फैसला ले ही लिया। क्या मेरी और माँ की इच्छा की कोई अहमियत नहीं।” प्रशांत ने गुस्से से काव्या से कहा। “मैं उसे घर से नहीं निकाल रही, सिर्फ छात्रावास भेज रही हूँ ताकि उसका भविष्य उज्ज्वल हो सके। बेकार की … Read more

कठोर कदम – खुशी :  Moral Stories in Hindi

नंदिता एक पढ़ी लिखी लड़की थी जो नौकरी करना चाहती थीं अपने सपनो को जीना चाहती थी।वो देखने में इतनी सुंदर थी कि जो देखे वो दीवाना हो जाए।नंदिता ने M.A किया और B.ed में एडमिशन ले लिया। B.ED पूरा होते ही वो नोकरी करना चाहती थीं इसलिए अध्यापक पात्रता का फॉर्म भर दिया।सेंटर उसका … Read more

 लालच के अंधे – विभा गुप्ता :  Moral Stories in Hindi

        हमेशा की तरह शाम के ठीक चार बजे मोहल्ले के ‘शांति पार्क’ में श्रीधर बाबू और श्यामलाल जी मिले।श्यामलाल जी का उदास चेहरा देखकर श्रीधर बाबू पूछने लगे,” क्या हुआ भाई..चेहरा क्यों उतरा हुआ है..भाभी जी से कुछ कहा-सुनी..।”     ” नहीं भाई..इस उमर अब वो क्या कहेंगी..।बेटे ने ही कल…।” कहकर वो चुप हो गए। … Read more

परफेक्शन – संध्या त्रिपाठी

 मिताली….. तू आधे घंटे में बहू को लेकर मेरे घर आ सकती है क्या…..?? सूची ने फोन करते ही मिताली से पूछा ….!      पर बात क्या है…?? सब ठीक तो है ना…. मिताली ने भी प्रश्न के ऊपर प्रश्न ही कर डाला…. ! हां यार , सब ठीक है… वो अचानक प्रोग्राम बन गया कि… … Read more

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