कठपुतली – परमा दत्त झा : Moral Stories in Hindi
‘बाबूजी आज भोपाल मेला चलिए न-राधा और मालती भी कह रही थी।-बहू चाय देते बोली। अच्छा,कहते महेश्वर दयाल जी चाय पीने लगे।वे टी वी भी देखने लगे। सुबह के सात बजे थे और ये अपनी चाय दुकान चलाकर आये थे।इनकी आंखों से सावन भादो झरने लगे। “ना बाबूजी,अब सब ठीक हो गया।-यह बहू यशोदा थी। … Read more