“चुप्पी के पार” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi
रश्मि की सुबह अलार्म से नहीं, ज़िम्मेदारियों से शुरू होती थी। पाँच बजते ही दिन उसके इशारों पर नहीं, वो दिन के इशारों पर चलने लगती। राकेश की चाय, बच्चों का टिफ़िन, कपड़े प्रेस करने से लेकर नाश्ते तक — हर चीज़ समय से। लेकिन एक काम था जिसे उसने खुद से थोड़ा अलग रखा … Read more