कठपुतली – करुणा मलिक :
अच्छा मौसी , चलती हूँ…. ख़्याल रखना अपना । इतना कहकर भारती गेट से बाहर निकली और सीधे घर की तरफ़ चल पड़ी । रास्ते में उसका मन बार-बार मौसी की हालत देखकर और सोचकर बेचैन हुआ जा रहा था । क्या ये वहीं मौसी हैं जिनका दबदबा केवल अपनी ससुराल और मायके में ही … Read more