कठपुतली –  नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

रिया मैं और तुम्हारे भैया मूवी देखने जा रहे हैं। तुम अपना ही खाना बनाना बस। हम तो बाहर से ही खाकर आएंगे और देखो चीकू सो रहा है। जरा उसका ध्यान रखना। अच्छा भाभी। रिया जिसने अभी-अभी घर में कदम रखा ही था उसे उसकी भाभी सारी हिदायतें देकर बाहर निकल गई। रिया कहो … Read more

कठपुतली – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————   अच्छे संस्कार और मन में सेवा भाव होना तो अच्छी बात है लेकिन कठपुतली की तरह केवल इशारों पर चलने से मन को तकलीफ तो होती ही होगी ना? हालांकि बातों ही बातों में माधुरी, मीना को महेंद्र की ग़लत बातों का विरोध करने के लिए समझाती भी थी।        महेंद्र और रजत सरकारी मकान … Read more

बहू भी कोई कठपुतली नहीं होती – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“बहू, आज ऑफिस से जरा जल्दी आ जाना….शाम को अर्पिता के यहां जाना है….” ममता ने कहा। “माफ करना मां जी…. मेरा वहां जाना ऐसा भी कोई जरूरी नहीं है जो कि ऑफिस से हाफ छुट्टी ली जाए और वैसे भी हमारे ही इतने जरूरी काम आ जाते हैं जिनमें छुट्टी लेना जरूरी हो जाता … Read more

बहू भी इंसान होती है रोबोट नहीं – डॉ कंचन शुक्ला : Moral Stories in Hindi

अलार्म की आवाज सुनकर मेनका की आंख खुल गई इस समय सुबह के 5 बजे थे उसका उठने का मन नहीं कर रहा था उसे कल रात सोने में बहुत देर हो गई थी ननद ने अपने बेटे का जन्मदिन यहीं अपने मायके में बनाया था केक से लेकर खाने का सभी सामान घर में … Read more

कठपुतली – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

सरोज पति के साथ जयपुर भ्रमण पर निकली थी। वर्षों से घर -गृहस्थी में व्यस्त रहने के कारण उसे खुद के लिए सोचने का समय ही नहीं मिला। बच्चों के बाहर चले जाने के बाद उसकी जिंदगी में एकाकीपन ने डेरा जमा लिया।उसकी गहरी ऑंखों में अक्सर नीले आसमान -सा सूनापन दिखता था,तो कभी नीली … Read more

क्योकि वो इंसान थी – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जख्मी तन और मन के साथ पड़ी थी वो एक कोने मे , सुनसान जगह थी वो जहाँ दिन ढलने के बाद इक्का दुक्का लोग ही नज़र आते थे । रात धीरे धीरे गहराती जा रही थी पर वो वही पड़ी थी दीन दुनिया से बेखबर , उसकी हालत ऐसी थी ही नही कि वो … Read more

मेरा अपना वजूद है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

     सौम्या स्कूल जाने के लिए जल्दी जल्दी तैयार होने लगी, वैसे अभी समय था लेकिन आज स्कूल में पेरेंटस टीचर मीटिंग थी जिसकी तैयारी उसके जिम्मे थी। हर महीने के आखरी शनिवार को ये क्रायकर्म होता था। पहले तो उसने कार की चाबी उठाई लेकिन फिर कुछ सोचकर स्कूटी कि ले ली, उसे पता था … Read more

कठपुतली – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

बहु ओ  बहु !जाओ, चाय बना कर ले आओ ! मिसेज शर्मा आई हैं,शकुंतला देवी ने वहीं से बैठे -बैठे तेज स्वर में अपनी बहु को आवाज देकर कहा।   जी मांजी, कहकर देवयानी गैस के चूल्हे पर चाय चढ़ा देती है, देवयानी की सास शकुंतला देवी सारा दिन पलंग पर बैठी रहती है, और देवयानी … Read more

कठपुतली – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

आप के इस तरह से चिंता करने से क्या रजत जल्दी आ जाएगा शांति से बैठ जाइए और खाना खा लीजिए, छोटा बच्चा नहीं है रजत, अरे ऑफिस से निकलते निकलते थोड़ी देरी हो ही जाती है और आप तो सब्र ही नहीं करते! हां पागल हूं मैं सब्र नहीं करता एक घंटा देर से … Read more

“चुप्पी के पार” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

रश्मि की सुबह अलार्म से नहीं, ज़िम्मेदारियों से शुरू होती थी। पाँच बजते ही दिन उसके इशारों पर नहीं, वो दिन के इशारों पर चलने लगती। राकेश की चाय, बच्चों का टिफ़िन, कपड़े प्रेस करने से लेकर नाश्ते तक — हर चीज़ समय से। लेकिन एक काम था जिसे उसने खुद से थोड़ा अलग रखा … Read more

error: Content is protected !!