“ईर्ष्या की राख में झुलसते रिश्ते” – सुबोद्ध प्रण : Moral Stories in Hindi

रेणु और सुमेधा—दोनों बचपन की सहेलियाँ थीं। एक ही मोहल्ले में पली-बढ़ीं, एक ही स्कूल में पढ़ीं, एक ही कॉलेज में गईं। लोग अक्सर उन्हें ‘राम-लक्ष्मण’ की जोड़ी कहते। दोनों में बहुत कुछ समान था—सपने, उम्र, रुचियाँ, यहाँ तक कि शक्ल-सूरत भी मिलती-जुलती थी। लेकिन एक चीज़ थी जो समान नहीं थी—किस्मत। रेणु एक मेहनती … Read more

ईर्ष्या – खुशी :

Moral Stories in Hindi रति एक बड़े घर की बहु थी।घर में ससुर गिरधारी लाल जी जिनकी सराफा में सुनार की दुकान थी।  सास राधा जी जो मंदिर और कीर्तन मंडली में व्यस्त रहती तो घर की जिम्मेदारी उसी पर थी घर में उसके पति अमित और देवर सुमित थे एक ननद शिखा थी जिसकी … Read more

ईर्ष्या – परमा दत्त झा

Moral Stories in Hindi (रचना मौलिक और अप्रकाशित है इसे मात्र यहीं प्रेषित कर रहा हूं।) आज रत्ना को रात भर नींद नहीं आई कारण उसकी बहू को बेटी हुई और उसकी देवरानी को पोता हुआ। हे भगवान ऐसा अंधेर-मैं भी आपकी पूजा करती हूं -सावन में शिव मंदिर में कांवर लेकर जाते हैं।पिछले तीस … Read more

रिश्तों की बदलती बयार – डॉ कंचन शुक्ला :

Moral Stories in Hindi ढोलक की थाप पर सोहर गीत गूंज रहा था पूरा घर खुशियों से भरा था कामिनी दौड़-दौड़कर समारोह की व्यवस्था देख रही थी घर में रिश्तेदारों का जमघट लगा था पूरा घर हंसी-ठिठोली से गुंजायमान हो रहा था हो भी क्यूं ना आज कामिनी के पोते की बरही थी। कामिनी के … Read more

ईर्ष्या -के कामेश्वरी :

Moral Stories in Hindi सपना डोर बेल बजाती है ….. सास रुक्मिणी ने दरवाजा खोला तो उन्हें देखते ही ….. वह मुँह बनाकर चिडचिडाते हुए अंदर चली गई। रुक्मिणी उसके पीछे …… उस से पूछती हुई जा रही थी कि सपना देरी क्यों हो गई है बेटा क्या हो गया है सब्जी वाले के साथ … Read more

 ईर्ष्या – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

राम और लक्ष्मण सगे भाई थे। बचपन में ही उनके माता-पिता का निधन हो गया था। घर में कोई बड़ा नहीं था, इसलिए राम ने बड़े भाई से कहीं ज़्यादा, एक अभिभावक की भूमिका निभाई। उसने लक्ष्मण को सिर्फ भाई नहीं, बेटे की तरह पाला। पढ़ाई से लेकर कपड़े और हर ज़रूरत का ध्यान रखा। … Read more

 नफा-नुकसान – उमा महाजन 

  सब्जीवाले की आवाज सुनकर कविता, रोमा और निम्मी अपने-अपने घरों से बाहर निकल आईं, ‘क्या बात भैया ? दो दिन आए नहीं, सब ठीक तो है न ?’ कविता ने पूछा।       ‘हां जी मैडम ! बस पास के गांव में अपने माता-पिता से मिलने चला गया था, लेकिन उस दिन आपने मशरूम लाने को कहा … Read more

बेटी एक गहना – कमलेश राणा : Moral Stories in Hindi

वर्षा देख तो जरा बाहर जा कर.. तेरे पापा अभी तक नहीं आए,मुझे बड़ी फिक्र हो रही है। आ जाएंगे मां.. आप यूं ही परेशान हो रही हैं। आपको तो पता है न कि वह किस काम से गए हैं ऐसे कामों में तो देर हो ही जाती है। पता है बेटा लेकिन इस बार … Read more

देवरानी के सपनो का आशियाना !! – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

देवरानी नीलू के नए घर को देखकर जेठानी माया की आंखों से टपटप आंसू बह पड़े मगर उसने तुरंत अपने आंसुओं को छुपाते हुए कहा – नीलू बहुत अच्छा काम करवाया हैं घर में , तुम्हारा घर बहुत प्यारा हैं और कम से कम तुम इस घर को अपने सपनों का घर तो कह सकती … Read more

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