वो काला दिन – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

उस दिन मौसम बहुत सुहावना था । दोनो भाई अमित, अनंत घूमने निकले । मुश्किल से दो घण्टे की दूरी पर वो रहते थे । आपस में अच्छी बनती थी उनकी , जब ज़िन्दगी के लुत्फ उठाना हो सैर- सपाटे के लिए निकल पड़ते । ये विभिन्न डे मनाने का प्रचलन विदेशों की ही तो … Read more

अस्तित्व – डॉ. इन्दुमति सरकार : Moral Stories in Hindi

घड़ी की टिक-टिक ने मीनाक्षी को जगा दिया। सुबह के 5:30 बजे थे। उसने आँखें मलते हुए अलार्म बंद किया और धीरे से बिस्तर से उठी ताकि उसके पति अंकित की नींद न खुल जाए। रसोई में जाते हुए उसने बरामदे में पड़े कपड़े उठाए—कल रात सोने से पहले बच्चों ने वहीं फेंक दिए थे।   … Read more

मेरे जीवनसाथी – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

“ये शाम मस्तानी मदहोश किए जाए मुझे डोर कोई खींचे …….”  ये वो गाना है जो वाणी और विमल के जीवन को बखूबी बयां करता है। उनकी हर शाम सुहानी, मस्तानी और सुकुन से भरी हुई जो होती थी। सुकूं ऐसा कि दुश्मन तो दुश्मन ,दोस्त भी रस्क करें। मौसम तो आज भी सुहाना ही … Read more

जो तुम्हारे साथ हुआ वहीं तो आज तुम कर रही हो !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

रश्मि आज फटाफट रसोई का काम निपटा रही थी और उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी चमक रही थी , खुशी छलके भी क्यों ना आज उसकी और राहुल की पाँचवी शादी की सालगिरह थी और राहुल सुबह ही यह कहकर ऑफिस गया था कि आज शाम वह रश्मि को कहीं बाहर घूमाने लेकर … Read more

अस्तित्व – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

सुबह की धूप अब आंगन में उतर आई थी। चिया अपने बैग से योगा मैट निकाल रही थी, और मम्मी—सुनीता जी—रसोई में अदरक काटती हुई बड़बड़ा रही थीं। “ढेले भर काम का सहारा नहीं ऊपर से एक्सरसाइज करवा कर और थका दो! काम क्या कम हैं?” चिया ने रसोई के दरवाज़े पर आकर मुस्कराते हुए … Read more

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