लौट आओ – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi
उस दिन भी मैं जब शाम को सोसाइटी के पार्क में गया तो व्हील चेयर पर उन बुजुर्ग व्यक्ति को शून्य में निहारते पाया,प्रतिदिन मैं उन्हें वही ऐसे ही देखता आ रहा था।चेहरा देखते ही लगता था, वे असीम पीड़ा झेल रहे हैं।वैसे तो आजकल पश्चिम सभ्यता अपनाने के कारण कोई किसी से कोई मतलब … Read more