मिताली.. चार कप ब्लैक कॉफी विदाउट शुगर फटाफट से ले आओ मेरे दोस्तों को जाने की जल्दी हो रही है! जी अभी लाई… कहकर मिताली रसोई में ब्लैक कॉफ़ी की तैयारी करने लगी काफी देर तक सोचने के बाद भी उसे समझ नहीं आया ब्लैक कॉफी कैसे बनाई जाती है उसने तो कोल्ड कॉफी और हॉट कॉफी के बारे में ही सुना था और बनाई थी अब ब्लैक कॉफी का क्या करूं? उसके मायके में तो वह और उसका भाई हमेशा कोल्ड कॉफी पीते थे और कई बार पापा या उनके दोस्त जब भी आते तब गर्म कॉफी पीते किंतु ब्लैक कॉफी तो कभी नहीं पी और विदाउट शुगर मतलब बिना चीनी की चाय कॉफी कोई कैसे पी सकता है जबकि किसी को डायबिटीज भी नहीं है! मिताली के पापा अच्छे बिजनेसमैन थे और मिताली ने भीअच्छे कॉलेज और हॉस्टल में रहकर एमएससी किया था, बहुत ही मासूम थी मिताली, उसकी शादी राघव जो की एक इंजीनियर था उससे बड़ी धूमधाम से हुई थी, 2 महीने ससुराल में रहने के बाद वह गुड़गांव अपने पति के साथ आ गई, उसके ससुराल में भी आज तक उसने किसी को ब्लैक कॉफी पीते नहीं देखा सब चाय दूध या कॉफी ही पीते, मिताली बड़ी असमंजस में पड़ गई अब क्या करूं..? उधर राघव ने दोबारा आवाज लगाई… मिताली कॉफी बन गई क्या..? जी बनने वाली है.. तब मिताली ने यूट्यूब पर ब्लैक कॉफ़ी की तलाश की, यूट्यूब पर दिखाया था की उबलते हुए पानी में कॉफी डाल दो और बस बन गई ब्लैक कॉफी! उसने सोचा पहले खुद चख कर देख ले कहीं खराब तो नहीं बनी पहली बार जो बनाई थी,और जैसे ही मिताली ने कॉफी को चखा वह थू थू करने लगी…इतनी गंदी कॉफी कोई कैसे पिएगा, ऐसा करती हूं इसमें हल्की सी चीनी डाल देती हूं दूध रहने देती हूं फिर शायद थोड़ी अच्छी बन जाए और मिताली ने ऐसा करके वह कॉफी राघव के दोस्तों को दे दी! राघव के दोस्तों ने कॉफी तो पी ली किंतु सभी राघव का मजाक बनाने लगे.. यार राघव हमने तो सुना था तुम्हारी वाइफ तो काफी पढ़ी लिखी है तो क्या उसे बिना चीनी और चीनी वाली में अंतर समझ नहीं आता? तब राघव सफाई देते हुए बोला… नहीं नहीं यार उससे सुनने में कोई गलती हो गई होगी वैसे वह बहुत समझदार है और फिर राघव अपने दोस्तों के जाने के बाद मिताली के पास आया और चिल्लाया.. मिताली बिल्कुल जाहिल ही हो क्या… एक कॉफी तक बनाना नहीं आता, मेरे दोस्तों के सामने मुझे कितना शर्मिंदा होना पड़ा कि तुमने कभी ब्लैक कॉफी नहीं पी, या कम से कम विदाउट शुगर का मतलब तो जानती हो फिर भी उसमें चीनी डाल दी! तब मिताली बोली…. हां मैं जानती हूं पर मुझे तो वह काफी बहुत कड़वी लगी थी मैंने सोचा आपके दोस्त ऐसी कॉफी कैसे पियेंगे, आपको उनके सामने शर्मिंदा न होना पड़ जाए इसलिए मैंने उसमें चीनी डाल दी सच में मैं जाहिल हूं मुझे कुछ भी नहीं आता और मिताली की आंखों से आंसू बहने लगे! मिताली को रोता देख और उसकी मासूमियत पर राघव अपने आप पर शर्मिंदा होते हुए बोला… नहीं मिताली मुझसे गलती हो गई जाहिल तुम नहीं हो तुम ने तो अपनी तरफ से अच्छी कोशिश की थी किंतु मैं तुम्हारी भावना नहीं समझ पाया आई एम सॉरी मिताली, तुम्हें पता है मिताली एक बार मैंने भी जब ब्लैक कॉफी पी थी तब मुझे भी बहुत कड़वी लगी थी मैंने भी सोचा था बिना दूध और चीनी के लोग इसे कैसे पीते हैं? आज तुमने भी जब वही गलती दोहराई मुझे अपना किस्सा याद आ गया, मैंने तुम्हारे लिए ऐसे शब्द कैसे बोल दिए मिताली? तुम् बहुत अच्छी पत्नी हो मेरी दोस्त हो आइंदा में तुम्हें कभी जाहिल गंवार या पागल नहीं कहूंगा! तब मिताली बोली ..हां क्योंकि आपने भी एक बार जाहिल पन दिखाया था ब्लैक कॉफी पीकर इसलिए हम दोनों बराबर हो गए, एक बार आप जाहिल थे एक बार में! अब से हम इस शब्द का कभी इस्तेमाल नहीं करेंगे औरऐसा कहकर मिताली राघव के सीने से चिपक गई और राघव ने भी उसे कसकर अपने अंक में भर लिया!
हेमलता गुप्ता स्वरचित
कहानी प्रतियोगिता (जाहिल)