Moral Stories in Hindi : राधिका की सास पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी राधिका पूरी कोशिश कर रही थी कि उन्हें कोई कमी महसूस ना हो वह बच्चों को सुबह स्कूल भेजकर मुकेश के ऑफिस जाने के बाद अपनी सास की सेवा में लगी रहती ताकि उन्हें अकेलापन महसूस ना हो, लेकिन फिर भी तबीयत में आराम ना होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घर का काम खत्म करके वह सास के लिए खिचड़ी लेकर अस्पताल जाती।
आज राधिका की बड़ी ननंद मां का समाचार लेने आ रही थी, उनका फोन आया था कि वह सीधे अस्पताल ही पहुंच जाएंगी।
राधिका भी जल्दी जल्दी घर का काम खत्म करके ननद के लिए खाना और सास के लिए खिचड़ी लेकर अस्पताल जा ही रही थी कि, उसकी सास की कुछ सहेलियां उनका समाचार लेने घर आ गई। और राधिका को घर से निकलने में कुछ देरी हो गई। जैसे ही राधिका अस्पताल पहुंची ननंद ने राधिका को खरी खोटी सुनाना शुरू कर दिया ।
कहा कि! मां कब से भूखी है, कितना देरी से आई हो।
अभी तक घर पर क्या कर रही थी। राधिका ने कोई जवाब नहीं दिया और ननंद के पैर छु कर फटाफट सास के लिए खिचड़ी परोसने लगी।
रात को मुकेश के अस्पताल आने के बाद राधिका और उसकी ननद दोनों घर वापस आ गई।
राधिका के अगले दिन की दिनचर्या देखकर ननंद अब समझ चुकी थी कि उसने कल व्यर्थ में ही भाभी को खरी खोटी सुना दी।
जितना भाभी कर रही है उतना तो शायद वह भी अपनी मां के लिए नहीं कर पाती वह तो केवल 1 दिन समाचार लेकर अपने घर वापस चली जाएगी सेवा भाभी को ही करनी है। अगले दिन उसकी ननंद जाते समय राधिका को ढेर सारा आशीर्वाद दे गई
राधिका को अपनी ननद की मन स्थिति का पता चल चुका था उसने भी अपनी ननंद को खुशी खुशी विदा किया और सास के लिए टिफिन लेकर अस्पताल की ओर चल पड़ी ।
मुहावरा आधारित लघु कथा-खरी खोटी सुनाना
स्वरचित रचना
मनीषा गुप्ता