विश्वास और उन्नति दोनो एक ही कॉलेज में पढ़ते थे।दोनो का फाइनल ईयर था।लास्ट ईयर कॉलेज में कल्चर एक्टिविटीज में उनकी मुलाक़ात हुई और वो प्यार में बदल गई।उन्नति मल्टीमीडिया में जाना चाहती थी और विश्वास आर्किटेक्ट बनना चाहता था ।दोनो की अपने विषयों पर पकड़ अच्छी थी और जीवन को वो जीना भी चाहते थे इसलिए उन दोनों ने विचार किया पहले कैरियर सेटल करेंगे
फिर शादी और ये 22 साल की उम्र में परवान चढ़ा प्यार अपनी मंजिल पर पहुंचा जब दोनों 29 साल के हो गए। और उमर बढ़नेबल साथ साथ दोनो के व्यक्तित्व में भी बदलाव आ गए ।जहां उन्नति एक ईमानदार लड़की थी वही विश्वास एक लालची और दिल फेक बन चुका था ।उसने एक लड़की नीति जो उनके पड़ोस में रहती थी उससे शादी कर ली।पर कुछ दिनों में उसका दिल भर गया और नीति ज्यादा पढ़ी लिखी भी नहीं थी। इसलिए उसने नीति को तलाक़ दे दिया वो दिल्ली में गवर्मेंट ऑफिस में था
इसलिए उसे गवर्नमेंट फ्लैट मिला था वो अपना पुराना मोहल्ला छोड़ वहां शिफ्ट हो गए उसके पिता ने कहा भी अपना घर छोड़ यहां क्यों ले आयाऔर उन्नति तब बैंगलोर में थी। इतने साल विश्वास और उन्नति में कोई कॉन्टैक्ट नहीं था।फिर अचानक एक दिन विश्वास ने उन्नति को फेस बुक पर देखा और उससे कॉन्टैक्ट बढ़ाया फिर उससे फोन पर फिर कॉन्टैक्ट बढ़ाया फिर एक दिन बोला चलो अब हम शादी कर लेते है।उन्नति बोली पर मेरा ऑफिस है यहां।यार तुम रिजाइन दे दो और दिल्ली में जॉब ढूंढ लेना विश्वास ने कहा।अब और इंतजार नहीं प्लीज़ ।उन्नति ने रिजाइन दे दिया और वो दिल्ली में भी अप्लाई कर दिया था दो तीन जगह ।
दोनो की फैमिली दिल्ली में थी विश्वास और उन्नति दोनो एक दूसरे को जानते थे तो शादी में कोई दिक्कत नहीं हुई और दोनों की शादी हो गई शादी होकर विश्वास के घर उन्नति आ गई।विश्वास के परिवार में माता पिता और एक बहन थी जिसकी शादी हो गई और वो US में सेटल थी।विश्वास के पापा राजेंद्र जी म्युनिसिपालिटी में ऑफिसर थे और एक दो साल रिटायरमेंट के थे।मम्मी अदिति स्कूल टीचर थी।कुल मिला के छोटा सा परिवार था। सब अपने मुताबिक चलते
।2 महीने उन्नति घर पर थी घूमना फिरना सब हो गया घर भी अच्छे से मैनेज हो रहा था।तभी उसे गुरुग्राम की कंपनी से ऑफर आई और उसने वहां ज्वाइन कर लिया अब वो सुबह जल्दी जाती और रात को लेट आती ।आकर उसमें इतनी हिम्मत ना होती कि वो कुछ काम करे 8:00 बजे घर पहुंचती।सास ससुर और विश्वास खाने के इंतजार में बैठे होते।घर जाकर खाना बनाने में और सबमें देर हो जाती तो अदिति बोली बेटा तुम ये नौकरी छोड़ दो क्यों की
टाइम पर ना नाश्ता मिलता ना खाना।दोपहर को आओ तो भी चाय खाना खुद बनाओ।उन्नति बोली मां मेरा भी तो करियर है मैने इतनी मेहनत की है मै जॉब कैसे छोड़ दूं।आप भी तो जॉब वाली है आप तो अच्छे से समझ सकती हैं।हम एक कुक रख लेते है।राजेंद्र बोले वाह भाई अब इस उमर में कुक के हाथ का खाना खाएगे । बहु तुम नौकरी छोड़ो घर पर ध्यान दो।लेट आती हो और क्या कच्चा पक्का बना देती हो।और वो दोनों वहां से चले गए।
उन्नति विश्वास से बोली विश्वास तुमने एक शब्द नहीं बोला में नौकरी नहीं छोडूंगी।विश्वास बोला मै तुम्हारा पक्ष लेता तो उन्हें अपना अपमान लगता मै अकेले में उनसे बात करूंगा।विश्वास अपने माता पिता के पास आया बोला क्या प्रॉब्लम है वो बोले खाना गरम चाहिए तूने क्या कहा था इसलिए शादी कर रहा है।विश्वास बोला ये नीति जैसी गवार नहीं है मां समझो इस बात को एक दो महीने कर लेने दो मै कुक लगा देता हूं खुद ही छोड़ देगी।उन्नति अब 29 की थी तो उसकी मां सुहासिनी चाहती थीं कि वो समय से गर्भवती हो जाए।और भगवान की कृपा से उन्नति को दिन ठहर गए उसे डॉक्टर ने रेस्ट बताया इसलिए उसे रिजाइन करना पड़ा। उन्नति घर पर रहती तो सास ससुर कभी ये खाना है वो खाना है फरमाइश करते रहते ।खाना बनाने वाली भी हटा दी। उन्नति से ज्यादा काम नहीं होता था उसने विश्वास से कहा प्लीज़ खाना बनाने वाली लगा लो मुझसे इतना काम नहीं हो रहा।विश्वास बोला मै अकेला कमाने वाला हूँ इतने खर्चे कैसे उठाऊं।उन्नति बोली तुम इतनी अच्छी नौकरी करते हो तुम्हारे पेरेंट्स फाइनेंशिल स्ट्रांग है फिर भी।पैसा मै दे दूंगी प्लीज़ तुम खाना बनाने वाली लगा लो। उन्नति पैसे देने लगी तो सास ससुर को खाना बनाने वाली का खाना भी चलने लगा पर उसके सास ससुर उसे सुना ही देते तुम अनोखा बच्चा पैदा कर रही हो जो इतना आराम कर रही हो।उन्नति इन बातों से परेशान हो गई वो विश्वास को बोल अपनी मां के घर आ गई ।वहां आने के बाद विश्वास भी मुश्किल से एक दो बार ही आया ।फोन करो तो भी वो बात बहुत कम करता बिजी हूं बाद में कॉल करना ऐसे बोलता।फिर उन्नति को बेटी हुई सास ससुर में से कोई देखने नहीं आया।उन्नति की मां ने फोन किया लक्ष्मी हुई है तो जवाब दिया हमे लक्ष्मी नहीं घर का चिराग चाहिए था।विश्वास आया भी तो बड़े ही लिए दिए अंदाज में था हॉस्पिटल आया तो भी ज्यादा नहीं रुका।उन्नति हॉस्पिटल से अपने घर आई फिर उसने विश्वास को कॉल किया विश्वास ये सब क्या है? मम्मी पापा पीहू से मिलने नहीं आए तुम भी बस एक बार हॉस्पिटल आए और फिर गायब कहां मसरूफ हो तुम? विश्वास बोला तुम खाली रहती हो तो मेरे पास भी काम नहीं है क्या? मैं इतना बिजी हूं मेरे पास समय नहीं है। उन्नति बोली मै कल घर वापस आ रही हूं। उन्नति घर आ गई किसी ने भी उसका या बेटी का स्वागत नहीं किया। उलट उसे देखकर उसकी सास बोली महारानी अपना घर संभालो बहुत कम कर लिया मैंने और तुमने आराम। उन्नति घर बच्चे में उलझ कर रह गई। विश्वास भी उससे लिए भी अंदाज में ही रहता। उन्नति बहुत परेशान थी एक रात वह पीहू के लिए
दूध लेने के लिए उठी । तभी उसे विश्वास और उसके माता-पिता की आवाज आई वो तरफ चल पड़ी। विश्वास के पिता का रहे थे
तुमने बच्चा भी पैदा कर लिया। क्या इसको बसाने का इरादा है इसके बाप ने पैसे भी नहीं दिए। विश्वास बोला आप लोगों की गलतीहै जब वह काम रही थी पैसे आ ऐसे आ रहे थे तब आप लोगों को गरम खाना चाहिए था ।बहु आपकी तीमारदारी करे। मैं भी इस मुसीबत से तंग आ चुका हूं। उन्नति यह सब सुन हैरान थी ये वोही लड़का है जिससे मैंने प्यार किया। उन्नति सीधा अंदर चली गई बोली ये सब क्या है? उन्नति को देख तीनों सकपका गए। विश्वास बोला तुम यहां क्या कर रही हो जाओ सो जाओ।उन्नति बोली अब तक सो ही रही थी आज ही तो जागी हूँ। पापा जी आप क्या कह रहे थे।बच्चा पैदा कर लिया इसे बसाना है क्या ये क्या बात हुई? विश्वास बोला कुछ नहीं तुम जाओ यहां से उन्नति बोली मुझे सच सुनना है सच बताओ । विश्वास बोला क्या बताऊ तुम मेरे गले की फांस बन गई हो मैने पैसे के लिए तुमसे शादी की और इन लोगों ने तुम्हारी नौकरी छुड़वा दी।इन्हें गर्म खाना चाहिए था।अब ये बच्चा मेरे गले में डाल दिया।मै किसी और से प्यार करता हूं तुमसे तलाक चाहता हूं अगर यहां रहना है तो अपने बाप से दस लाख मांग वरना दफा हो यहां से ।उन्नति बोली क्या घटिया आदमी हो तुम मै तुम्हारे साथ नहीं रहूंगी और वो अपनी बच्चोंको ले अपने माता पिता के घर आ गई।उन्नति को संभलने में 6 महीने लगे। उन्नति ने फिर से जॉब ढूंढी और लाइफ में आगे बढ़ी।उधर विश्वास ने उस लड़की रीना से शादी कर ली। कुछ महीनों में दिल भर गया तो उसे भी पैसों के लिए परेशान करने लगा।फिर उसे छोड़ दिया।इधर विश्वास को रिश्वत लेते पकड़ा गया और उसकी नौकरी चली गई। मां बाप भी अब नहीं पूछते थे।समय बीत गया इस बात को 8 साल हो गए थे।एक दिन उन्नति अपने माता पिता के पास दिल्ली आई हुई थी वो एक मॉल में डिनर करने आए वहां से निकलते हुए उन्हें विश्वास टकरा गया।उन्नति को देख विश्वास उनके पीछे पीछे आया।बोला मेरी बेटी उन्नति प्लीज़ मुझे माफ कर दो।मेरी जिंदगी में वापिस आ जाओ मुझे तुम्हारी बहुत जरूरत है।उन्नति बोली चुप बस और कुछ नहीं ये तुम्हारी बेटी है तब तो ये बोझ थी तुम पर आज कैसे तुम्हारी हो गई मिस्टर एक बार टूटा भरोसा दोबारा नहीं जुड़ता और तुम तो एक फ्रॉड हो जो लड़कियों को फंसा कर उनका इस्तमाल करता है फिर उनसे पैसा वसूलता है और ना दे तो उनको छोड़ देता है अपनी नौकरी भी इसी धोखे की वजह से गंवाई है तूने।दफा हो जाओ यहां से दुबारा मेरे या मेरी बेटी के पास फटके तो पुलिस में दे दूंगी।मै उन लड़कियों में से नहीं हूं जो पति वापस आए तो उसे माफ कर दूं। उन्नति अपनी बेटी को ले आगे बढ़ गई।विश्वास कुछ दिन उसके घर के चक्कर लगाता रहा पर उन्नति ने उसे मुंह नहीं लगाया तो उसने बहुत तमाशा किया और उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगा। उन्नति ने पुलिस कंप्लेंट कर दी।विश्वास को पुलिस पकड़ कर ले गई और उन्नति अपने माता पिता को भी बैंगलोर ले कर चली गई इस शहर और यहां की कड़वी यादों से दूर।
स्वरचित कहानी
आपकी सखी
खुशी