अब , तु एक पल भी तेरे मायके में ठहरी तो मुझसे बुरा कोई ना होगा , सुरेश गुस्से में अपनी पत्नी राखी से बोला !!
सुनिए जी , आप मेरे भाई की शादी में ऐसा कैसे कर सकते हैं राखी बोल ही रही थी कि सुरेश उसकी बात काटते हुए बोला
तू यहां अब एक पल भी रुकी तो मेरा मरा मुँह देखेगी और फिर भी तुझे यहां रुकने का शौक हैं तो तू रुक मगर वापस कभी अपने ससुराल मत आना !!
राखी को अपने भाई की शादी से ना चाहते हुए भी पति सुरेश के साथ वापस अपने ससुराल जाना पड़ा !!
सुरेश बहुत पीयक्कड़ आदमी था , राखी के भाई मुरली की शादी में सुरेश पीकर मुरली के ससुराल से आई औरतों के साथ छेडछाड़ी करने लगा था , मुरली के घर का दामाद होने की वजह से पहले तो मुरली के ससुराल वाले कुछ बोल नहीं पाए , मगर जब पानी सर से उपर चला गया तो उन्होंने मुरली से अपनी लड़की की शादी कराने से इंकार कर दिया , उतने में राखी के पापा गिरधारी लाल जी उठकर बोले सुरेश जी आपकी वजह से मेरे बेटे की शादी में विघन पड़ रहा हैं , कृपया आप यहां से थोड़ी देर के लिए चले जाइए , तब गिरधारी लालजी कहां जानते थे कि सुरेश अब कभी उनकी बेटी को मायके नहीं आने देगा , वह उस शादी से राखी को अपने साथ जो ले गया उसके बाद सुरेश ने कभी राखी को अपने मायके आने नहीं दिया !! इस बात को आज तीस साल हो चुके थे !!
बहुरिया , यह लो घर की चाबी , मैंने पुरा घर अच्छे से चेक कर लिया हैं , सारे खिड़की , दरवाजे बंद कर दिए हैं , अब आप आराम से मायके जाओ नौकरानी बिंदिया की आवाज से राखी की तंद्रा टूटी !!
राखी जो कि पुरे तीस साल बाद आज अपने मायके जा रही थी वह भी इसलिए कि सुरेश की अभी दो महिने पहले ही ज्यादा पीने की वजह से मृत्यु हो चुकी थी !!
सुरेश के साथ रहते राखी का ऐसा एक दिन भी नहीं गुजरा होगा जब उसे उसका मायका याद ना आया होगा , इसी बीच राखी के पिताजी गिरधारी लाल जी की मृत्यु भी हो गई मगर सुरेश ने राखी को यह खबर ही नही दी ताकि राखी अपने गांव ना जा पाए !! राखी की मां शीला जी राखी की शादी के छः महिने बाद ही गुजर गई थी , वे हमेशा कहा करती थी बेटियों का असली घर तो उनका ससुराल ही होता हैं , चाहे पति कैसा भी हो , ससुराल वाले कैसे भी हो लड़कियों को जिंदगी में समझौते करने ही पड़ते हैं , बस यही बात राखी ने गांठ बांध ली थी और वह सुरेश के रहते कभी मायके ना जा पाई !!
राखी ने घर की चाबियां ली और कुछ कपड़े , कुछ मिठाईयां ली , वह तो भाई के बच्चों के लिए भी कुछ लेना चाहती थी मगर उसे तो पता ही नहीं था कि मुरली को कितने बच्चे हैं और वह अब कितने साल के हैं !!
राखी मायके जाने ट्रेन में बैठी और खिड़की से झांकने लगी , उसे आज भी सारे रास्ते याद थे , फिर वह मन ही मन बुदबुदाई -मायके का रास्ता भी कोई भूलता हैं भला ??
राखी स्टेशन पर उतरी और फिर उसने वह सड़क ले ली जिस पर से उसका मायका सीधा और सरल पड़ता था , उतने में उसे पीछे से आवाज आई आ गई बेटा , बरसो लगा दिए तूने यहां आने में , राखी ने पीछे मुड़कर देखा तो उसके बाबुजी गिरधारी लाल जी खड़े थे मगर बस दो मिनट में वे ओझल हो गए !!
बाबुजी को याद कर राखी की आंखें भर आई , कुछ दूर चलते ही उसे वह कुंआ दिखा जहां राखी अपनी मां शीला जी के साथ पानी भरने आया करती थी , राखी को वहां अपनी मां पानी भरते हुए दिखाई दी , राखी झटपट से भागते हुए बोली रुको मां मैं आ रही हुं !! तुम सब घड़े साथ में मत उठाना , राखी को यूं हवा में बात करते देख राह में जा रही दो औरते राखी को घूरने लगी !!
राखी जब कुंए के पास गई तो उसने देखा वहां अब पाईप लाईन बन चुकी थी जहां से पुरे गांव को पानी सप्लाय होता था !!
राखी को अपना बचपन , अपने माता पिता सब कुछ ऐसे दिखाई दे रहा था मानो कल ही की बात हो !!
अरे राखी , आना यहां झूला झूलते हैं , राखी तू तो मुझसे भी तेज झूला झूलती हैं रे, शब्बो राखी की सबसे अच्छी दोस्त थी , झूला देखते ही राखी को शब्बो की आवाज सुनाई देने लगी !! आज तो राखी यादो के समंदर में डुबी हुई थी !!
आखिरकार वह अपने मायके के दरवाजे पहुंच गई , घर भी अब बहुत बदल गया था , कच्चे से पक्का बन चुका था , बाहर बरामदे में मुरली चारपाई पर लेटा हुआ था !! राखी उसे देखते ही बोली – मुरली , कैसा हैं रे तू , रोज याद करती थी तुझे !!
मुरली ने आंखों पर चश्मा लगाया और राखी को देखकर गुस्से में बोला – अब क्या लेने आई हैं तू यहां ?? पिताजी की मौत पर भी ना आई तू , जानती हैं कितनी बाट देखी थी हमने तुम्हारी !!
राखी बोली – उस राक्षस आदमी ने मुझे बताया ही नहीं कि पिताजी अब दुनिया में ना रहे , कैसे आती मैं बता !!
मुरली फिर गुस्से में बोला – छोड़ क्यों नहीं दिया था तूने ऐसे आदमी को , क्यूं मेरी शादी छोड़कर चली गई थी उस राक्षस के साथ , जिसने हमेशा के लिए तेरा मायका बंद करवा दिया था !! यहां रह जाती हमेशा के लिए तो क्या हो जाता , हम तेरी दूसरी शादी भी तो करवा सकते थे !!
राखी रोते रोते बोली – याद नहीं क्या तुझे मुरली , मां क्या कहती थी , लड़की की एक बार शादी हो जाए तो फिर ससुराल से उसकी अर्थी ही उठती हैं , इस बीच उसे बहुत कुछ सहन करना पड़ता हैं !!
उतने में मुरली की पत्नी अंदर से आ गई और कहने लगी – सुनिए जी , यह कौन हैं ??
मुरली आंखों में आंसू लिए बोला – यह मेरी वो अभागन बहन हैं जो आज तीस साल बाद मायके आ पाई हैं !!
रोते रोते मुरली ने अपनी बहन राखी को गले से लगा लिया , दोनों भाई – बहन के बीच के सारे गिले शिकवे मिट गए !! राखी को मुरली में गिरधारी लाल जी का रूप दिख रहा था , मुरली था तो राखी से छोटा मगर उसने बचपन से ही घर की जिम्मेदारी को अपने कंधे पर ले लिया था !!
राखी आई तो मायके दो दिन के लिए ही थी मगर भाई भाभी का प्यार देखकर पुरे दस दिन मायके में रुकी !!
दोस्तों , एक लड़की के लिए उसका मायका वह छत्रछाया है जहां वह शादी के बाद भी
अपने आपको बहुत महफुज समझती है , इस कहानी के दवारा उन पतियो से यह गुजारिश है कि कभी अपनी पत्नी का मायका उनसे ना छिने !!
दोस्तों यह कहानी आपको कैसी लगी कृपया बताएं तथा ऐसे ही अन्य कहानियां पढ़ने के लिए हमारे पेज को फॉलो अवश्य
करें !!
आपकी सहेली
स्वाती जैन