भाभी – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

सुनंदा की जब शादी हुई थी घर में सास ससुर और एक छोटा देवर था देवरा चंचल स्वभाव का था छोटा कम से कम 10 साल छोटा था बहुत जिद्दी प्रवृत्ति का था हर समय घूमना फिरना मौज मस्ती करना फिल्म देखना जब उससे कुछ बात करो तो उसको बहुत चिड़ होती थी

उसको कोई भी समझता था बिल्कुल समझ में नहीं आता था धीरे-धीरे अवनीश अब बड़ा हो गया था पढ़ाई से बिल्कुल मन नहीं लगता   था कॉलेज जाना ही नहीं चाहता था घर में पड़ा रहता था कुछ दोस्तों ने बताया था कि वह शराब भी पीने लगा है लेकिन घर वाले कुछ नहीं कर सकते थे

उसकी यह हरकतों से पूरा घर परेशान था सुनंदा का एक छोटा बच्चा घर में आया सास ससुर उसकी देखरेख में लगे रहते थे उसके साथ खेलना गार्डन में जाना…. सुनंदा पूरा घर का काम अकेली ही कर लेती थी एक दिन पड़ोस से रजनी आई और कहने लगी सुनंदा तुम अपने देवर को क्यों नहीं देखती हो

रात में कल 2:00 बजे आकर मेरा गेट खटखटा रहा था और हम लोग डर गए कि कौन आया तो देखा कि अवनीश था फिर हम लोगों ने उसको तुम्हारे घर पर भेजा अपने ससुर से कहो ना कि उसे पर लगाम लगाए आज तो हमने सह लियां लेकिन कल जिनके यहां लड़की है वह तो नहीं सहन कर पाएंग

दिन पर दिन अवनीश की हरकतें बढ़ती ही जा रहे थे सास ससुर भी कुछ नहीं कह पा रहे थे सुनंदा भी बहुत परेशान थी रात में कभी भी आना के दरवाजे खोलने यह सब कुछ सुनंदा को बिल्कुल पसंद नहीं था घर पर सुनंदा कभी भी अवनीश के बारे में बात करती थी तो कोई भी ध्यान नहीं देता था सब कहते थे

समय आएगा तो अपने आप ही सुधर जाएगा कॉलोनी में भी सारे लोग परेशान थे अवनीश था तो बहुत अच्छा दिखने में भी बहुत हैंडसम था बस एक दिन ऐसे ही हुआ अवनीश ने इतनी ज्यादा शराब पी ली थी कि वह दूसरे घर में चला गया और वहां पर बहुत हंगामा करने लगा किसी को नहीं पता था

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की अवनीश रेखा से बहुत प्यार करता है रेखा के पीछे पागल है दूसरे दिन सुबह रेखा के घर वाले अवनीश के घर आए और उन्होंने अवनीश के बारे में रजनीकांत को अवगत कराया तभी रजनीकांत बहुत गुस्से में आ गए और उन्होंने अवनीश को बाहर बुलाया अवनीश ने रेखा से प्यार करने वाली बात बताई

और उसने कहा कि मैं रेखा से ही शादी करूंगा फिर दोनों घर वाले बैठकर बात कर रहे थे रेखा के पापा ने एक शर्त रख दी यदि अवनीश अपनी सारी गंदी हरकतें छोड़कर अच्छे से कमाई करने लगेगा तुम्हें अपनी रेखा कहां अवनीश को दे दूंगा और आपके घर में अपनी लड़की ब्याह दूंगा अवनीश ने यह सब बात सुनी उसको बिलकुल पसंद नहीं आया

की शादी में कोई शर्त रखता है क्या मेरे बड़े भैया की शादी में तो ऐसा कुछ नहीं हुआ और इसके बाद लड़की वाले अपने घर चले गए सुनंदा ने मौका पाकर अवनीश के पास बैठकर कुछ बातें करने की कोशिश की लेकिन अवनीश को मंजूर नहीं था फिर भी सुनंदा ने कहा कि मैं तुम्हारी मां तो नहीं बन सकती हूं

लेकिन मैं भाभी होने के नाते तुम्हें इतनी समझाइश दे सकती हूं कि किसी भी लड़की का जीवन बर्बाद करने से पहले तुम उसके बारे में अच्छे से सोच लो तभी उसे शादी करना रेखा भी तुमसे प्यार करती है मुझे पता है लेकिन तुम्हारी इन हरकतों के कारण

यदि उसके पापा ने दूसरे घर में शादी कर दी तो तुम जिंदगी भर पछताओगे फिर तुम्हें दूसरी लड़की से शादी करना पड़ेगी दूसरी लड़की भी तुमसे तैयार होगी कि नहीं यह हम लोग नहीं जानते हैं अब तुम्हारा फैसला तुम्हारे हाथ में है तुम क्या चाहते हो अवनीश ने 10 मिनट बहुत सोचा उसके बाद भाभी को वादा किया कि सच में भाभी आप सच कह रहे हैं मैं अब यह सब छोड़कर जब के लिए ट्राई करूंगा और अवनीश को सारी बातें समझ में आ गई

अवनीश ने अब पढ़ाई में मन लगाना शुरू कर दिया और कुछ समय बाद जब के लिए अच्छी कंपनियों ढूंढने लगा रात दिन इंटरव्यू की तैयारी करके और उसकी एक अच्छी कंपनी में जॉब लग गई रेखा और अवनीश की शादी धूमधाम से हो गई।

लेखिका : विधि जैन

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