सास का महत्व..- विनोद सिन्हा “सुदामा : Moral Stories in Hindi

जबसे राखी की सास विमला देवी उसके साथ रहने शहर आई थी, पति आलोक के सामने ऐसा दिखावा करने लगी थी मानो उसके कांधे पर काम का बोझ इतना बढ़ गया था कि उसे सांस लेने की फुर्सत नहीं रहती है.. जबकि ऐसा कुछ नहीं था.. राखी की सास बिल्कुल शांत स्वभाव एवं काफी मिलनसार … Read more

प्रेम संगनि…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

आज वर्षों बाद उसे अपने सामने देख मैं काफी अचंभित था…और मन प्रसन्नचित्त भी.. प्रसन्नचित्त इसलिए कि उसने वह मुकाम हासिल कर लिया था जिसकी उसे चाह थी….और अचंभित इसलिए कि आज वो जहाँ खड़ी थी उसकी मैने कभी कल्पना भी नहीं की थी..हालांकि आशांवित जरूर था कि वह आगे अच्छा करगी लेकिन इतनी जल्दी … Read more

रिश्तों की समाधि… – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

आज़ वर्षों बाद बाबूजी की अस्थियां लिए,मैं उस शहर को लौटा था,जहां मेरा बचपन गुजरा था,जहां मुझे माँ की ममता मिली,पिता का प्यार मिला था, रिश्तों की परिभाषाएं समझ आई थी.! पता चला सप्ताह भर की मूसलाधार बारिश के कारण सड़क कहें या रास्ता ,जगह जगह गड्ढे पड़ गए थे और बरसाती पानी से नाले … Read more

एक प्रेम ऐसा भी…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

आज़ जब पूरे दो महीने बाद ऑफिसियल टूर से लौटकर घर आया तो धर्मपत्नी धुर्वा ने दरवाजा खोला.. मैंने इधर उधर नजरें घुमाई मेरी निगाहें माँ को ढूंढ रही थी.. धुर्वा से माँ को पूछा तो धुर्वा ने माँ की ओर इशारा किया देखा माँ बरामदे में लगे आराम कुर्सी पर बैठी बालों में लगी … Read more

गुरूर. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

सलमा बेगम को जैसे ही खबर मिली की उनकी बेटी जन्नत गैस सिलेंडर फट जाने एवं घर में आग लग जाने से बुरी तरह जल गई है और उसे हॉस्पिटल ले जाया गया है.. सब-कुछ छोड़ बताए हॉस्पिटल की ओर दौड़ी दौड़ी भागी.. जहां उनकी बेटी जन्नत ज़िंदगी और मौत से जुझ रही थी, वो … Read more

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