तोहफा राखी का – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

अवनी लोन में बैठी हुई चाय पी रही थी की फोन की घंटी बजी उसने देखा उसकी सहेली नेहा का फोन था l अवनी ने फोन उठाया और बोली हेलो आज कैसे मेरी याद आ गई सब खैरियत तो है l नेहा बोली की सब ठीक है परंतु तू यह बता तेरी ननंद का नाम … Read more

क्यों ना करूं अपनी किस्मत पर नाज – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

कहां मर गई सीमा सौतेली मां ने कर्कश आवाज में कहांl यह बर्तन पड़े हुए हैं उन्हें कौन साफ करेगाl अपने हाथ में ली हुई किताब तकिए के नीचे छुपा कर सीमा चुपचाप जाकर बर्तन साफ करने लगी l बर्तन साफ करके हाथ सुखा रही थी कि उसकी मां विमला देवी ने फिर से आवाज … Read more

हम दोस्त बनकर रहेंगे – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

आशा और रजनी लखनऊ के एक पार्क की हरी घास पर बैठे एक दूसरे को अपलक निहार रहे थे l शाम का सूरज अपनी लालिमा से अनुपम छटा बिखेर रहा था l आकाश रजनी की सुंदर छवि को अपनी आंखों में जीवन भर के लिए बस लेना चाहता था l रजनी भी आकाश की मनमोहक … Read more

पराजित – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

रामकिशन जी आज फिर मकान को सुरुचि पूर्ण ढंग से सजा रहे थे l रंगीन और सुंदर परदे , नई-नई कलाकृतियां और सोफे को अलग तरीके से व्यवस्थित कर रहे थे l नाश्ते में मिठाई नमकीन बिस्कुट के साथ घर की बनी हुई चीजों को भी रखा था l भोजन भी स्वादिष्ट और अच्छा हो … Read more

बहू का दर्द – बिंदेश्वरी त्यागी : Moral Stories in Hindi

घर के सभी सदस्यों के खाना खाने के बाद था कि हरि सोनाली अपने लिए खाना परोसने जाती है l परंतु उसने देखा रोटी के डिब्बे में दो ही रोटियां हैं और सब्जी तो बिल्कुल भी नहीं है l 3:00 बज चुके थे भूख जोर से लगी थी इसलिए वह सब्जी के बर्तन से रोटियां … Read more

साथ न छोड़ने की कसम ली – बिंदेश्वरी त्यागी Moral Stories in Hindi

मुझे सपने देखने की आदत थी l पढ़ाई के दौरान जब मेरी शादी की बात होने लगी तो मैं सोचती कि मेरा एक घर होगा सुंदर सा पति होगा और मैं और मेरे पति खुशी खुशी उसे घर में रहेंगे l खूब घूमेंगे फिरेंगे और अपने घर को सजाएंगे l पढ़ाई में शुरू से मेरी … Read more

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