किस्मत वाली……! – डॉ विभा कुमरिया शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T211239.414

 शादी के बाद बेटी  स्वाति की विदाई का एक-एक पल प्राची  पर भारी पड़ रहा था ।  घर -आंगन सूना हो गया था और, परिवार के सभी सदस्यों में गहरी चुप्पी  थी। दूसरी सुबह  सामान को सही जगह पर रखते  हुए प्राची को  याद आया कि अलमारी के लॉकर की चाबी तो उसने स्वाति को … Read more

मैं प्रायश्चित कर रही हूं… : Moral Stories in Hindi

New Project 50

Moral Stories in Hindi : शांति का मन अशांत था और कुछ दिनों से उसकी बेटी की शिकायतें  करके रिश्तेदार उसे  परेशान कर रहे थे । शांति सोच रही थी कि हर रोज बेटी का बे- लगाम होते जाना अच्छा नहीं है । पैदा होते ही मर जाती तो कौन सा घाटा पड़ जाता दुनिया … Read more

मैं प्रायश्चित कर रही हूं – डॉ.विभा कुमरिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T104436.080

शांति का मन अशांत था और कुछ दिनों से उसकी बेटी की शिकायतें  करके रिश्तेदार उसे  परेशान कर रहे थे । शांति सोच रही थी कि हर रोज बेटी का बे- लगाम होते जाना अच्छा नहीं है । पैदा होते ही मर जाती तो कौन सा घाटा पड़ जाता दुनिया को । जरूरी तो नहीं … Read more

आटे के साथ घुन पीस गया……… – डॉ. विभा कुमरिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

New Project 47

बहुत मुश्किल से तुम्हारा नंबर मिला । तुमसे बात करने के लिए फोन मिलाती हूं लेकिन तुम फोन नहीं उठाती । हम दोनों के बीच में कभी परिचय ही नहीं हुआ, पर मैं तुम्हारे लिए अपरिचित नहीं हूं। मैं यह जानती हूं क्योंकि जिससे मैंने नंबर लिया है वह हम दोनों का संपर्क सूत्र है … Read more

इस अपराध की कोई माफ़ी नहीं …- डॉ.विभा कुमारिया शर्मा : Moral stories in hindi

New Project 2024 04 29T104818.633

Moral stories in hindi  : देखो बेटा , अब तुम्हारी कोई बात मुझे नहीं सुननी है , तुम ऐसा ही समझ लो।   तुम अब निकलो यहां से । सागर सिंह ने सीधे-सीधे अपने दामाद अमन से कह दिया। पर ,  पर , पापा जी हमारी रिजर्वेशन तो परसों की है,  मतलब परसों शाम को … Read more

इस अपराध की कोई माफ़ी नहीं ……..। – डॉ.विभा कुमारिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

New Project 80

देखो बेटा , अब तुम्हारी कोई बात मुझे नहीं सुननी है , तुम ऐसा ही समझ लो। तुम अब निकलो यहां से । सागर सिंह ने सीधे-सीधे अपने दामाद अमन से कह दिया। पर , पर , पापा जी हमारी रिजर्वेशन तो परसों की है, मतलब परसों शाम को हम दोनों जाएंगे । क्या आपको … Read more

समझदार हो गए हैं, मेरे बच्चे… – डॉ.विभा कुमरिया शर्मा : Moral stories in hindi

New Project 38

Moral stories in hindi : इतनी लाल आंखें ?बेटा क्या हो गया सुबह- सुबह ? मम्मी मैंने आपकी  टिकट कैंसिल करवा दी,  कहते – कहते ही उसके गाल मोटे-  मोटे आंसुओं से भर गए । मेरी टिकट कैंसिल करवा दी , क्यों ? मैंने उससे पूछा।  मुझसे पूछे बगैर कैंसिल  करवा दी क्यों ?  वह … Read more

समझदार हो गए हैं, मेरे बच्चे……. – डॉ.विभा कुमरिया शर्मा। : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T211239.414

इतनी लाल आंखें ?बेटा क्या हो गया सुबह- सुबह ? मम्मी मैंने आपकी टिकट कैंसिल करवा दी, कहते – कहते ही उसके गाल मोटे- मोटे आंसुओं से भर गए । मेरी टिकट कैंसिल करवा दी , क्यों ? मैंने उससे पूछा। मुझसे पूछे बगैर कैंसिल करवा दी क्यों ? वह बिफर गई और बोली वह … Read more

अम्माजी , आंखें खोलो बस… – डॉ. विभा कुमरिया शर्मा : Moral stories in hindi

New Project 56

Moral stories in hindi : तू क्या जाने हम तो राजा – महाराजा के बच्चे हैं ,जो राजपाट और शान -शौकत हमने अपने मायके में देखी है ना वह ससुराल में और तुम्हारे पापा से नहीं मिली , कुछ ना ही कहूं तो अच्छा है।‌ अरे कहां कर सकते थे हमारा मुकाबला यह लोग ? … Read more

अम्माजी , आंखें खोलो बस…….। – डॉ. विभा कुमरिया शर्मा : Moral Stories in Hindi

New Project 2024 04 29T215107.227

तू क्या जाने हम तो राजा – महाराजा के बच्चे हैं ,जो राजपाट और शान -शौकत हमने अपने मायके में देखी है ना वह ससुराल में और तुम्हारे पापा से नहीं मिली , कुछ ना ही कहूं तो अच्छा है।‌ अरे कहां कर सकते थे हमारा मुकाबला यह लोग ? अम्माजी ससुराल वालों को और … Read more

error: Content is Copyright protected !!