माँ का अपमान – वर्तिका दुबे : Moral Stories in Hindi

आज तो हद हो गई…आज जो कुछ भी घर में हुआ मेरी सहनशक्ति अब समाप्त हो गई है.. अर्पिता रोते हुए सोच रही थी,…अभी तक तो उसके पति और सास-ससुर ने ही उसके अपमान का जिम्मा ले रखा था.. आज तो उसके जेठ भी शुरु हो गए ।अर्पिता एक शिक्षित एवं समझदार स्त्री है..उसकी शादी … Read more

पापा मै क्यों बड़ी हो गई… – वर्तिका दुबे : Moral Stories in Hindi

रिया बदहवास घबराई हुई अपने घर का दरवाजा पीट रही थी…उसकी माँ निशा ने दरवाजा खोला। क्या हुआ रिया? दरवाजा तोड़ेगी क्या….फिर उसको देखकर अरे…इतनी घबराई क्यों है…रिया अपने कमरे में जाकर दरवाजा बंद कर लेती है और बिस्तर पर गिरकर रोने लगती है। निशा उसके पापा विनीत से बोलती है…देखो रिया को क्या हो … Read more

अंतिम निर्णय – वर्तिका दुबे : Moral Stories in Hindi

 प्रज्ञा एक शिक्षित, विवाहित महिला थी, जिसकी शादी को दस साल हो चुके थे। उसके दो प्यारे बच्चे, राहुल और प्रिया, उसकी दुनिया थे। लेकिन इन दिनों प्रज्ञा का मन अशांत था। घर में माहौल तनावपूर्ण था, और उसकी परेशानी की वजह थी उसके पति और ससुराल वालों का लगातार उस पर दबाव बनाना कि … Read more

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