अपमान बना वरदान – उषा विजय शिशिर भेरूंदा : Moral Stories in Hindi

आज कामवाली राधिया बड़े देर से आई, सरिता जी पूछने लगी देरी से आने का कारण  रधिया सारे मोहल्ले का हाल-चाल बताने लगी अचानक उसे याद आया और वह कह उठी वह रामचरण मिश्रा जी के यहां यशोदा ताई ने आपको शाम को जरूर बुलाया है सरिता जी सोचने लगी अभी रामचरण मिश्रा जी का … Read more

मोहताज – उषा शीशीर भेरून्दा : Moral Stories in Hindi

नन्हे राघव को इस तरह बिलख बिलख कर रोता देख सरिता जी का हृदय भर आया शायद बच्चे का कान दुख रहा होगा मैं गर्म तेल करके डाल दूं या पेट दुख रहा होगा पेट में गैस बन रही होगी पेट पर हींग का पानी लगा दु या सिकाई कर दु नमक अजवाइन खिलादु मगर … Read more

भाभी – उषा विजय शिशिर भेरूंदा : Moral Stories in Hindi

असमय सुयश की आवाज से सुरेखा चौंक गई। आटे से हाथों से दरवाजा खोला, आज ऑफिस से जल्दी कैसे।  सुयश कहने लगे पहले एक गिलास पानी पिलाओ फिर मेरे पास आकर बैठो। सुरेखा ने घबराहट में जल्दी-जल्दी हाथ धोकर पानी का गिलास सुयश को देकर जल्दी आने का कारण पूछा  सुरेखा शाम 4:00 बजे बड़े … Read more

आखिरी फैसला – उषा शिशिर भेरूंदा : Moral Stories in Hindi

आज मोबाइल में फ्रेंड रिक्वेस्ट में माधवी भाभी को दिखा, रेखा बड़ी खुश हुई। मोबाइल को धन्यवाद देते माधवी भाभी रिक्वेस्ट कबुल की। और मन दोपहर को फोन लगाने का बनाया। भोजन बनाते-बनाते रमा मायके की गलियों में पहुंच गई।  पड़ोस में रहने वाले सुभाष भैया की नई नवेली दुल्हन बनकर माधवी भाभी आई थी। … Read more

क्यों ना करूं अपनी किस्मत पर नाज – उषा विजय शीशीर खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

आज स्मिता बड़ी खुश थी और हो भी क्यों ना आज वह सी ए जो बन गई थी कुर्सी पर बैठी बैठी अचानक 20 वर्ष पूर्व चली गई वह सोचने लगी  वह 4 वर्ष की थी, पापा बाजार घूमा कर जब लाऐ, क्या देखते हैं घर के सामने भिड लगी हुई है अचानक पापा उसे … Read more

टूटते रिश्ते – उषा शिशीर : Moral Stories in Hindi

रीना  ‍ रीना  पलट कर जब रीना ने अपने बचपन की साखी निशा को दिखा एकदम चौंक गई, अरे निशा तुम यहां, तुम तो गुड़गांव चली गई थी अचानक यहां कैसे।  अरे रीना चल गई थी, मगर अभी 2 वर्ष पूर्व पापा जी को अटैक आया, तो विवेक वापस दिल्ली आ गए अब पापा जी … Read more

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