सहेली का परिवार – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

चारों ओर अफरा-तफरी मची हुई थी…जिसको जिधर जगह मिल रहा था… वहां जान लेकर भागा चला जा रहा था। अचानक आये इस प्राकृतिक आपदा भयानक आंधी तूफान से सभी खौफ में थे। समुद्र तट पर अवस्थित इंजीनियरिंग कॉलेज … प्रशासन ने तटीय इलाकों को सुरक्षा की दृष्टि से खाली करवा दिया था। सभी शिक्षण संस्थानों … Read more

औलाद के मोह में वे सब कुछ सह गई – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

    बेटे बहू के  आफिस से आने का समय हो रहा था… साथ ही संध्या दीया बाती की भी। बढ़ती उम्र की परेशानियां अपने जगह पर थी।     पति भी संध्या भ्रमण से वापस आ गए होंगे। शाम में वे पार्क के बाहर वाले झोंपरपट्टी वाले चाय दूकान से अक्सर चाय पीकर आ जाते हैं कभी-कभी एकाध … Read more

पैसे का गुरुर – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

  शाम का अंधेरा घिरते ही आरती जल्दी जल्दी पग बढ़ाने लगी। आज चाची मुझे कच्चा खा जायेगी…उसका हृदय कांप उठा।    उसे देखते ही चाची की जहर बुझी डांट सुनाई दी  ” कहां रह गई थी करमजली… एक दिन हमारे मुंह में कालिख पोत कर रहेगी।”  आरती अपनी सफाई में कुछ कह पाती कि सामने बैठे … Read more

आत्मलाप – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

नियति कैसा कैसा खेल खेलाता है…जिसे इंसान का दंभी मन समझ नहीं पाता। जब अपना कर्म सामने आता है तो सिर्फ पछतावे के कुछ भी हासिल नहीं होता।   अपने कमरे के बेड पर छटपटाते…एक घूंट पानी के लिए तरसते… अपनों की मीठी बोली की  आस लिये रमेश बाबू तड़प रहे थे। “क्यों आज कैसा दिल … Read more

बदलाव – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

धीरे-धीरे लीना के रंग-ढंग  मैं बदलाव आने लगा है…इस बात को मौसी समझने लगी थी। ” लीना जरा मेरे पैरों में मालिश कर दो… गठिया का् दर्द बढ़ गया है… ठंड में तकलीफ़ बढ़ ही जाती है…बेटी “। ” मेरे पास समय नहीं है… अभी आफिस का काम निपटाना है “।      लीना ने दोनों कंधे … Read more

बिदाई – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

   परिस्थितियों का अंधड़ कुछ ऐसा चला कि गौरी का मायके एकप्रकार से छुट ही गया। माता-पिता थे नहीं। भाई विदेश जा बैठा वहीं विवाह कर बच्चों  के साथ रहने  लगा। न कभी आया न बुलाया। राखी बजरी का कोई सवाल ही नहीं। कभी कभार फोन करता और संक्षिप्त वार्तालाप कर फोन रख देता।     “यहां हमलोग … Read more

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मायका – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

  आज बेटियां दिवस के शुभ अवसर पर सभी बेटियों बहुओं और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं… प्रस्तुत है मेरी रचना,”मायका”!     जैसे जैसे मायके की गलियां नजदीक आ रही थी नीलू की धड़कनें तेज हो गई थी।बगल में बैठे दूल्हे राजा कुछ अचकचाये से थे। दरअसल नीलू का विवाह पलास के साथ दस दिनों पहले शहर के … Read more

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असली संपत्ति – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

भरा-पूरा परिवार…एक-दूसरे की परवाह  करने वाले लोग। थोड़े में ही खुश होने वाले… उपरवाले से डरनेवाले परिवार में भूचाल सा आ गया जब घर की बडी़ बहू ने अपने हिस्से की मांग की।     यह परिवार चार भाइयों और तीन बहनों का था। तीनों बहनों की शादी हो चुकी थी और वे अपनी घर-गृहस्थी में मस्त … Read more

वह हरी साडी़ – डाॅ उर्मिला सिन्हा  : Moral Stories in Hindi

सावन का रिमझिम प्रारंभ हुआ… तन-मन भींगा-भींगा…हरी-भरी धरती संग उल्लसित जनसमुदाय।  इधर सावन महीने में सावन महोत्सव मनाने की तैयारी महाविद्यालय में चल रही थी। सभी को हरे रंग की साडी़   चूड़ियाँ  हाथों में मेंहदी लगाकर जाना था।उससे संबंधित  शिक्षिकायें और छात्रायें बडी़ जोर-शोर से तैयारी  कर रही थी। हमलोगों ने छात्राओं के लिये … Read more

मूंगा की लाली – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

आकाश में चांद रजत थाल के समान लटका हुआ है…उज्जवल धवल चांदनी चहुंओर फैली हुई है…मूंगा के आंखों में सुनापन…नींद कोसों दूर…     भविष्य का पता नहीं….बेमुरव्वत वर्तमान… और अतीत में उलझा बावडा़ मन…  बाल-विधवा …मूंगा.. न नैहर में कोई न ससुराल में…आगे नाथ न पीछे पगहा…    दुसरों का सेवा-टहल कर उसने अपनी आधी उम्र व्यतीत … Read more

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