बिदाई – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi
परिस्थितियों का अंधड़ कुछ ऐसा चला कि गौरी का मायके एकप्रकार से छुट ही गया। माता-पिता थे नहीं। भाई विदेश जा बैठा वहीं विवाह कर बच्चों के साथ रहने लगा। न कभी आया न बुलाया। राखी बजरी का कोई सवाल ही नहीं। कभी कभार फोन करता और संक्षिप्त वार्तालाप कर फोन रख देता। “यहां हमलोग … Read more