सोने का कंगन – उमा वर्मा

मेधा के सोने का कंगन खो गया था ।सब जगह खोज लिया गया ।पर वह नहीं मिलना था सो नहीं मिला ।थक हार कर काम वाली बसंती पर शक गया ।लेकिन बार बार पूछने और डराने धमकाने पर भी कोई असर नहीं हुआ ।उसने अपनी माँ को सूचना दी “मम्मी तुमने जो कंगन मेरी शादी … Read more

अपनत्व की छांव – उमा वर्मा

आज वह खत्म हो गई ।कृष्णा ही नाम था उसका ।साँवली सलोनी ।देखने में ठीक ठाक ।एक ही बहन दो भाई ।बड़े भाई की शादी हो चुकी थी ।छोटे की शादी होनी तय हुई ।कृष्णा के माता-पिता ने शर्त रख दिया कि आप भी अपना बेटा देंगे तभी बात बन सकती है ।बात बन गई … Read more

रिटायरमेंट – उमा वर्मा

रमण जी का आज रिटायर मेंट हो गया ।सवेरे सवेरे ।जी हां, उपर वाला रिटायर मेंट ।ईश्वर ने उन्हें अपने पास बुला लिया ।घर दोस्तों और परिवार से भरा हुआ है ।पत्नि शोभा बदहवास बैठी रो रही है ।आँसू थमते ही नहीं है ।दो बेटे गुड़ गांव में नौकरी करते हैं । फ्लाइट से आ … Read more

विश्वासघात – उमा वर्मा

अजी सुनती हो,शोभा का रिश्ता तय करके आया हूँ “राघव जी ने पसीना पोछते हुए अपनी पत्नी गीता को पुकार कर कहा ।”कहाँ तय कर दिया? कुछ बताया भी नहीं “गीता अचानक खुशी से अकबका गई ।”अरे वो शुक्ला जी हैं न, रामपुर वाले,उन्ही का बेटा है श्याम उसी से बिना लेनदेन के बात पक्की … Read more

काली रात -उमा वर्मा: Moral Stories in Hindi

मेरे जीवन की वह रात  “काली रात “बन गई थी मेरे लिए ।स्मृति के पन्ने बिखरने लगे थे।क्या क्या याद करूँ? उसदिन रात से ही विनय की तबियत बहुत खराब हो गई थी ।रात भर सो नहीं पा रहे थे ।बेचैनी और उल्टियाँ हो रही थी ।मैंने दिलासा दिया “अस्पताल चलते हैं,सब ठीक हो जाएगा … Read more

अपनो की पहचान – उमा वर्मा

अम्मा जी को गुज़रे पाँच साल बीत गए, लेकिन हमेशा उनकी याद आती है। आज भी सौरभ को ऑफिस भेजकर, चाय लेकर बरामदे में कुर्सी डालकर बैठी तो बीते हुए क्षण आँखों के सामने घूमने लगे। बहुत अच्छी थीं अम्मा जी। शादी के बाद पहली बार ससुराल गई तो मन में एक डर समाया हुआ … Read more

error: Content is protected !!