मोल भाव –  उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

   आज सुबह उनकी गृह सहायिका बुधिया ने अपने दाएँ हाथ में एक लिफाफा लटकाए हुए प्रसन्नता से अत्यंत चहकते हुए घर में प्रवेश किया, ‘बीबी जी! देखिए ! आज मैं आप लोगों के लिए थोड़े से घीया कद्दू लेकर आई हूँ। बिल्कुल ताजे और नरम हैं। मैंने कुछ देर पहले ही उतारे हैं। असल में … Read more

मैं मां हूं न ! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

 पिछले सप्ताह ही रोहन और शुचि का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ था। विवाह के पश्चात् होने वाली अन्य रस्में भी पूरी हो चुकी थीं। भारतीय संस्कृति में ‘विवाह’ एक महत्वपूर्ण संस्कार है। यह मात्र एक परंपरा का निर्वाह नहीं है, अपितु इसमें समाहित सभी रस्मों यथा बहू आगमन पर गृह प्रवेश की द्वार पूजा … Read more

मंझला बेटा – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

ऑपरेशन की सफलता के पश्चात् उन्हें ऑपरेशन थियेटर से बाहर उनके निजी कमरे में लाया गया। तीनों पुत्रों के चेहरे खुशी से चमक उठे। ये माँ थी उनकी,जिसने वैधव्य के संघर्ष पूर्ण जीवन को जीकर आज उन्हें इस बड़े नगर के सर्वोत्तम अस्पताल में उनका उपचार करने के लायक बनाया था।      कुछ समय की अचेतावस्था … Read more

ताकत – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

  अपने ही घर में उन दरिंदों द्वारा तार-तार कर दी गई अपनी बेटी की अस्मिता पर माँ और बेटी दोनों ही जार-जार रो रही थीं। वहीं पास में बेटी के पिता लाचार एवं असहाय खड़े थे क्योंकि दोनों दरिंदें राजनीति एवं पैसे की दृष्टि से बहुत रसूखदार एवं ताकतवर थे। तीनों ही अपने आप को … Read more

 रज्जी ! : उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

     आज रज्जी ने बुझे मन से घर में प्रवेश किया। हमेशा ही घर में चहकते हुए प्रवेश करने वाली अपनी गृह सहायिका रज्जी के उतरे चेहरे को देखकर जब सरिता जी ने उससे उदासी का कारण पूछा तो उसने बताया कि नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली उसकी आठवीं से नौंवी में पहुंची छोटी बेटी के … Read more

नीरव – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

उनका पांचवां पीरीयड फ्री था। वे स्टाफ रूम में पहुँची ही थीं कि चपड़ासी ने आकर सूचना दी कि एक महिला और एक युवक गैस्ट रूम में उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं।          वे गैस्ट रूम में आईं।महिला ने उठ कर उनका अभिवादन किया।युवक ने पूरा झुुुकते हुए उनके दोनों पांव छूकर कर उन्हें प्रणाम किया … Read more

 मां ने समझाया था! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

   मैं किसी प्रख्यात व्यक्तित्व या पद विशेष की स्वामिनी नहीं हूँ। मैं एक सामान्य महिला हूँ। फिर भी एक औसत परिवार में जन्मी महिला विपरीत परिस्थितियों में से निकल कर कैसे अपना रास्ता बना सकती है,यही बताना इस कथा का उद्देश्य है। अक्सर अति ‘आर्थिक अभावों’ को ही संघर्ष का नाम दिया जाता है लेकिन … Read more

बड़ा घर – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

     लगभग 21 दिनों पश्चात गीता ने पुनः घर में प्रवेश किया। गीता उनकी घरेलू गृह सहायिका है। वह चेहरे से अवश्य कमजोर दिख रही थी,किंतु काम करने का उसका उत्साह पहले जैसा ही बरकरार था। दरअसल, पिछले माह वह भी ‘कोरोना’ की चपेट में आ गई थी। पहले दिन उसे हल्का बुखार तथा दूसरे दिन … Read more

व्यवहार – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

 ‘माँ,भाभी शिक्षित अवश्य हैं,किंतु रसोई के काम में बिल्कुल भी माहिर नहीं हैं। देखो न,सब्जियों में तेल-घी तो न के बराबर ही डालती हैं। रोज ही उनकी बनाई सब्जियों में नमक और मिर्च मसाला कम होता है। इतनी रूखी-सूखी और  बेस्वाद सब्जियां कोई कैसे खा सकता है ? आप कभी कुछ कहती क्यों नहीं उन्हें … Read more

संस्कार! – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

  सावित्री जी ने अपनी युवावस्था में अपने संघर्षरत पति के साथ किए कठोर परिश्रम और अनवरत संघर्षों के पश्चात अपने परिवार को समाज में एक शानदार प्रतिष्ठित स्थान दिलाया था और आज रईसी दुनिया में उनके परिवार का एक विशेष स्थान था। अपने हृदय की उदारता से उन्होंने अत्यन्त औसत परिवार से आई अपनी बहू … Read more

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