पढ़ी-लिखी बहू – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

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‘अरे कहने को तो बहू पढ़ी-लिखी है, परंतु कितनी बार समझाया इसको कि ये तीखे-तेज मसाले मेरा पेट खराब कर देते हैं। छाती में जलन होने लगती है। जीभ जल जाती है, सो अलग। सुलगती-जलती जीभ से खाने के स्वाद का ही पता नहीं चल पाता’ खाना शुरु करते ही  मनोहर बाबू भुनभुनाने लगे थे। … Read more

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