खामोशी और खालीपन – स्वाती जितेश राठी : Moral Stories in Hindi

स्नेह अपना बैग पैक करो   तुम्हें अभी रात की ट्रेन  से इन्दौर निकलना है। अरे !पर ऐसे अचानक क्यों ? सब ठीक है ना वहाँ? स्नेह का मन अनजानी आशंका से काँपने लगा था। देखो यहाँ बैठो और आराम से  मेरी बात सुनो !   पापा को एडमिट  किया था  हास्पिटल  में एक हफ्ते … Read more

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