बड़ी बहू तो घर की बंधुआ मजदूर थी – स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

वीणा , हमारी बेटी के लिए एक से एक रिश्ते आ रहे हैं मगर तुम हो कि सारे रिश्ते रिजेक्ट करती जा रही हो और बेटी की शादी कराने का नाम ही नहीं ले रही हो , मुकेश जी अपनी पत्नी वीणा से बोले !! वीणा जी बोली – पहली बात तो मैं अपनी बेटी … Read more

भाभी तो महाकंजूस हैं – स्वाति जैन Moral Stories in Hindi

मम्मी , यह क्या अब तक उठी नहीं आपकी बहू ?? आप रसोई में क्यों काम कर रही हो ?? उठने दो महारानी को करेगी सारा काम !! उसका घर हैं यह हमारा नहीं और आपने उसको कुछ ज्यादा ही सर पर चढ़ा रखा हैं , गुस्से में कनिका अपनी मां राजुल जी से बोली … Read more

आपकी पत्नी कोई अनूठी या हुरपरी नहीं हैं समझे !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

 तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने मेरी पत्नी को धक्का मारा इसिलिए बड़ा किया था क्या तुमको कि तुम एक दिन अपनी ही मां को मारो , तुम्हारी मां से पहले यह मेरी पत्नी हैं समझे आलोक जी ने गुस्से में अपने छोटे बेटे मीतांश से कहा !! पापा , यह क्या मेरी पत्नी , मेरी … Read more

ईर्ष्या का अंजाम हमेशा बुरा ही होता हैं -स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

बहु , नाश्ता बना या नहीं ?? तुम्हारे पापाजी और कुंदन को ऑफिस जाने लेट हो रहा हैं कविता जी अपने कमरे से गुस्से में बोली !! जी मम्मी जी बन गया हैं बस गर्म गर्म नाश्ता ही परोस रही हुं , राही अपने ससुर जी और पति कुंदन को नाश्ता परोसते हुए बोली !! … Read more

देवरानी जी , हां मैं गंवार हुं-स्वाति जैन Moral stories in hindi

रीमा की शादी को अभी एक ही महिना हुआ था !! संयुक्त परिवार होने की वजह से घर में किसी ने भी उस पर काम का बोझ नहीं डाला था !! रीमा की जेठानी सीमा घर की सारी जिम्मेदारियां खुशी खुशी निभाती थी !! घर में सास और नंनद भी थे मगर सीमा की वजह … Read more

ननंदरानी ने आखिर झूठ क्यों बोला ?? – स्वाती जैंन : Moral stories in hindi

मम्मी जी , यह देखिए मैं आपके और मेरे लिए यह वाली साडियां लाई हुं बोलते हुए रजनी अपने हाथ में पकड़ी हुई थैलियों में से साडियां निकालने लगी !! सुधा जी ने जैसे ही साडियां देखी , उनका मुंह फुल गया और वे बोली बहु , मुझे तो बिल्कुल अच्छी नहीं लगी तुम्हारी लाई … Read more

सुबह का भूला यदि शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते !! -स्वाति जैन : Moral stories in hindi

अरे , चाय बनी या नहीं अब तक ?? सुशीला जी गुस्से में चिल्लाई !! रसोई में टिफिन बनाती बहू रीमा बोली बस मम्मी जी !! चाय बन गई हैं अभी लाई !! जल्दबाजी में रीमा ने चाय कप- प्लेट में छानी और बाहर सुशीला जी के लिए ले जाने लगी कि उसके हाथ से … Read more

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धिक्कार !! – स्वाति जैन : Moral stories in hindi

क्या दादाजी नहीं रहे ?? यह सुनकर मिहिर के हाथ से फोन बेड़ पर गिर गया !! भारत से आए इस कॉल ने मिहिर को हिला कर रख दिया !! बहुत प्यार करता था मिहिर अपने दादाजी से !! मिहिर जब अपनी पढ़ाई के लिए विदेश आने वाला था उसके एक महिने पहले ही मिहिर … Read more

जब दो दोस्तों ने दिखाई अपने ही बच्चों को उनकी औकात – स्वाति जैन : Moral stories in hindi

अखिलेश जी अपनी दुकान बंद ही कर रहे थे कि उनकी नजर सर्दी में ठिठुरते उस व्यक्ति पर जा पड़ी , जिसके पास ना ओढ़ने को शाल थी और ना ही स्वेटर , और ठंड में ठिठूर रहा था !! अखिलेश जी दूर से उसे देखकर सोचने लगे कैसा आदमी हैं ?? इतनी ठंड में … Read more

समय का पहिया कब , कैसे , घूम जाए कोई नहीं जान सकता !! – स्वाती जैंन : Moral stories in hindi

संजना बहुत सारी शापिंग करके बाजार से खुशी खुशी लौट ही रही थी कि , रिक्शा से बाहर उसकी नजर एक आदमी पर पड़ी , जिसे देख वह चौंक गई और उसने रिक्शा वाले से कहा – भैया !! ऑटो रोकना जरा !! रिक्शा वाला ऑटो रोकता उससे पहले ही एक कार आई और वह … Read more

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