सीमा रेखा पार कर दी मैंने। – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

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शिवानी शादी के पहले से ही नौकरी कर रही थी, इसलिए वह अपने मायके में ही रह रही थी। उसके पति एक दूसरे प्रदेश में उच्च पद पर कार्यरत थे।  शिवानी के मायके में उसके तीन भाई मां और पिताजी उसके साथ रहते थे। सबकी प्यारी दुलारी शिवानी थी। उसके भाई भी उसका बहुत आदर … Read more

रिश्तेदारों से मनमुटाव ठीक नहीं। – सुषमा यादव   : Moral Stories in Hindi

नीलू मार्केट गई थी,उसका फोन बार बार बजे जा रहा था। घर आकर देखा तो उसके मामा ससुर के पोते का फोन था,चार पांच मिस्ड कॉल थे। फिर फोन आया, उसने हेलो कहा और व्यंग्य भरी मुस्कान के साथ कहा,,कहो, आज़ ढाई साल बाद कैसे मेरी याद आई, उधर से रमेश की आवाज आई, अरे,आप … Read more

काश मेरा हमसफ़र भी ऐसा होता।-सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi

आज काजल के घर उसका बर्थडे मनाने उसकी कई सहेलियां अपने पति और बच्चों के साथ आईं थीं। काजल की एक बहुत ही खास दोस्त रोली भी आई हुई थी अपने पति और बेटे के साथ। सब कोई हंस बोल रहे थे आपस में और बच्चे मिलकर एक तरफ खेल रहे थे। इतने में रोली … Read more

वो एक फरिश्ता थी -सुषमा यादव Moral stories in hindi

कुछ रिश्ते खून के रिश्तों से भी बढ़कर हो जाते हैं। ये रिश्ते हमारे दिलों से जुड़ कर# दिल का रिश्ता बन जातें हैं। जिन्हें हम ताउम्र निभाते हैं। राजस्थान के कोटा में स्नेहा को मेडिकल कोचिंग के लिए उसके माता-पिता ले गए थे । उसे एक पीजी होस्टल में रखा था पर वहां की … Read more

मेरे पति इस मंदिर के देवता – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

उस अधिकारी के ऐसे घटिया वाहियात शब्द सुनकर भारती का खून खौल गया और उसने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा, सुनिए,यह मेरा घर एक मंदिर है और इस मंदिर के देवता मेरे पति हैं जिनकी पुजारन बन कर मैं उनकी पूजा करती हूं। भारती के पति के देहांत के बाद उनके एम डी … Read more

और पंछी उड़ गया – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

 रमा के घर सावित्री घरेलू काम करती थी। बहुत ही सीधी-सादी और सभी काम बड़े ही साफ सफाई से करती। रमा से उसने कभी कोई चीज की मांग नहीं की थी। अपने पति का हमेशा गुणगान करती रहती।  सावित्री और रमेश की जिंदगी बहुत ही बेहतरीन तरीके से चल रही थी। रमेश एक फैक्टरी में … Read more

पापा गुडबाय मत बोलो ना – सुषमा यादव   : Moral stories in hindi

मैं मेडिकल कॉलेज मैसूर से एम बी बी एस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। कुछ दिनों से मेरी रीढ़ की हड्डी में बहुत दर्द हो रहा था। मैंने अपनी मम्मी को बताया तो मम्मी और दीदी तुरंत ही दिल्ली से फ्लाइट में आ गईं। पापा को अवकाश नहीं मिला था। मम्मी और दीदी … Read more

मन का अन्तर्द्वन्द – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

एक एक करके शिवानी के परिवार ने अंतिम विदाई ले ली थी। पहले सास, फिर पति और अब ससुर जी ने भी। मायके में भी दो भाई, मां और अब पिता जी भी उसे छोड़ कर चले गए। इतना बड़ा घर। शिवानी को बहुत अकेलापन महसूस होता है।। नौकरी से भी रिटायर्ड हो गई है।। … Read more

मौसमी रिश्ते का हसीन हमसफ़र – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

मौसमी रिश्ते मौसम के जैसे होते हैं,, स्वार्थी, मतलबी,मजबूरी,या क्षणिक आवेश में,या किसी के प्रति आकर्षित होकर बनाये गये रिश्ते। ये खोखले होते हैं,, इनमें स्थायित्व नहीं होता,, जैसे,मौसम बदलते रहते हैं, वैसे ही ये रिश्ते भी बदलते रहते हैं,, ये प्रेम में ही नहीं,वरन, किसी भी रिश्ते में हो सकते हैं, परिवार, रिश्तेदारी में, … Read more

अभूतपूर्व बदलाव – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

अपने माता-पिता का परिचय कराने में शरम क्यों???? संदीप के माता-पिता गांव से हैं। संदीप की मां अशिक्षित और बिल्कुल देहाती रहन सहन वाली महिला है। पिता जी बारहवीं पास एक फैक्टरी में काम करते हैं। उन दोनों का जीवन बड़ी कठिनाईयों और संघर्षों में बीता। आर्थिक अभाव होते हुए भी उन्होंने संदीप को किसी … Read more

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