घुँघरू – सुनीता वर्मा : Moral Stories in Hindi
घुमावदार रास्तों से घूमते हुए कार जैसे ही बंगले के सामने रुकी,उर्मि झट से दरवाजा खोलकर बाहर आ खड़ी हुई ,जैसे अब अगर एक और मिनट भी कार में बैठना पड़ गया तो गश खाकर ही गिर पड़ेगी |हॉर्न की आवाज़ सुन कर बंगले का चौकीदार गोपाल भागा-भागा बाहर आया – “नमस्ते साहब ,नमस्ते मेम … Read more