कलह – सुनीता परसाई’चारु’ 

आज ही सुशील की बारात घर लौटी थी।  सुशील की माँ अमली दौड़-दौड़कर सबका ध्यान रख रही थी। चाय नाश्ता चल रहा था ।पड़ोस की बिट्टो चाय बना रही थी । वह सुशील की मुंँह लगी छोटी बहन थी। पिछले साल ही उसकी शादी हुई थी। सुशील उसे अपनी शादी के लिये लेने गया था। … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी क्यूं हो गई – सुनीता परसाई : Moral Stories in Hindi

रवि व सुषमा की शादी को पाँच साल हो गये थे।सब सवाल करते क्या बात है।कब तक की प्लानिंग है।वे दोनों बच्चे के लिए परेशान थे। पाँच साल बाद सुषमा के पांँव भारी हुए। घर में खुशी की लहर छा गयी। परिवार वाले सभी उसका ध्यान रखते। रवि रोज आफिस से आते समय सुषमा की  … Read more

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