कलह – सुनीता परसाई’चारु’
आज ही सुशील की बारात घर लौटी थी। सुशील की माँ अमली दौड़-दौड़कर सबका ध्यान रख रही थी। चाय नाश्ता चल रहा था ।पड़ोस की बिट्टो चाय बना रही थी । वह सुशील की मुंँह लगी छोटी बहन थी। पिछले साल ही उसकी शादी हुई थी। सुशील उसे अपनी शादी के लिये लेने गया था। … Read more