माँ भाग्यशाली हैं, जो आप-सी बहू मिली – सुनीता परसाई ‘चारु’ : Moral Stories in Hindi
माँ रूपा को देख खुश हो गई। कुल्हे के आपरेशन के बाद वे कल ही घर आयी थीं। रूपा चालीस किलोमीटर से रोज माँ से मिलने अस्पताल आती थी। वह उनकी जितनी कर सकती थी सेवा करती। कभी आटो से तो कभी बस से। उसके दो बच्चे थे। बड़ा बेटा पाँचवी में व छोटा बेटा … Read more