मां मेरी पत्नी की जगह अगर आपकी बेटी होती तो – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 56

अन्वी जल्दी मेरा टिफिन लगाओ बैंक जाने में देर हो रही है मुझे भी टाइम से पहुंचना है मैं बैंक में मैनेजर हूं तो मेरी जिम्मेदारी है—–! अरे लगाती हूं, लेकिन खाना तो पूरा बना लेने दो, खाना तो ठीक है लेकिन कुछ खा तो लो, रोज भूखी अपने ऑफिस जाती हो! मां—– आप जरा … Read more

रक्षाबंधन ऐसा भी – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 97

 रिम्मी और सिम्मी दोनों बहनों ने 5 साल से अपने भाई को राखी नहीं बांधी थी क्योंकि दोनों की ही पोस्टिंग बाहर थी दोनों इंजीनियर थीं और उनके पति भी इंजीनियर थे इस बार दोनों बहनों ने रक्षाबंधन पर अपने भाई और भाभी को सरप्राइस देने की सोची            दोनों ही बहने अपने भाई से छोटी … Read more

अटल विश्वास – सुनीता माथुर  : Moral Stories in Hindi

New Project 57

शेफाली जब इंजीनियरिंग के फर्स्ट ईयर में आती है, तभी उसकी दोस्ती करन से हो जाती है और धीरे-धीरे उनकी दोस्ती इतनी बढ़ जाती है कि प्यार में बदल जाती है शेफाली और करन दोनों ही एक छोटे शहर से आकर गुड़गांव में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, जब भी समय मिलता दोनों … Read more

नई रोशनी – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 40

तेजस्विनी हमेशा खुश रहती थी और कोशिश करती थी सभी उसकी बातों से खुश रहें लेकिन “जो दर्द उसने अपने अंदर छुपा रखा था वह किसी से नहीं कह पाती थी”  इस “अन कहे दर्द” को कुछ लोग भांप भी लेते थे बोलते थे क्या बात है आप इतनी खुश तो दिखती हैं, पर—– कहीं … Read more

नई रोशनी –  सुनीता माथुर   : Moral Stories in Hindi

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सुष्मिता को अपनी जिंदगी से निराशा होने लगी थी वह हमेशा अपनी बहू से बोलती मेरी जिंदगी तो “ढलती सांझ” है उसकी बहू प्रियांशी दिल की बहुत अच्छी थी अभी 2 साल पहले ही सुष्मिता और आकाश ने अपने बेटे समीर की शादी की थी बेटे की शादी के 1 साल बाद ही उनकी एक … Read more

फरिश्ता – सुनीता माथुर  : Moral Stories in Hindi

New Project 47

खुशनुमा माहौल था चारों तरफ शहनाइयों की गूंज से वातावरण संगीतमय हो गया था, शादी के मंडप में पंडित जी मंत्र उच्चारण करने के लिए तैयार बैठे थे और फेरे करवाने की तैयारी कर रहे थे साथ में दूल्हा भावेश भी बैठा हुआ था पंडित जी बोल रहे थे दुल्हन को जल्दी से बुलाओ फैरों … Read more

वरदान – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 55

मीरा दीदी मैं अपनी किटी पार्टी में जा रही हूं रिम्मी और सिम्मी दोनों स्कूल से आती होंगी आप उनके कपड़े चेंज करवा कर उन्हें खाना भी खिला देना और उसके बाद उनका होमवर्क भी देख लेना मुझे देर हो रही है मेरी सहेलियां इंतजार कर रही होंगी , सीमा अपनी जेठानी मीरा से बोलकर … Read more

“पश्चाताप” – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 66

अंश तुम मेरा कल ट्रेन का टिकट करवा दो सुना तुमने,   मैं शाजापुर अपने घर जाना चाह रही हूं यह कहकर राधिका जल्दी-जल्दी अपना सामान पैक करने लगी अंश बोला मां आप अकेली क्या करोगी , नहीं बेटा मैं अब अपना अपमान नहीं सह सकती तुम्हारी बहू सुष्मिता मुझे बात-बात पर ताने मारती है … Read more

अपमान से सम्मान तक – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 38

  सुष्मिता को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आज उसको इतने बड़े मंच पर उसकी कहानियों के कारण सम्मानित किया जा रहा है ,चारों तरफ तालियों की गूंज से हॉल गूंज रहा था , एक-एक करके सभी साहित्यकार मालायें पहना रहे थे और एक बहुत बड़े फिल्म डायरेक्टर के द्वारा सुष्मिता को शील्ड प्रदान … Read more

मन का रिश्ता – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

New Project 55

आज अभिनव और सोनाक्षी बैठे हुए सोच रहे थे कितना समय निकल गया पूरी जिंदगी अपने परिवार की तरफ ध्यान दिया कभी अपने भाई के कभी बहन के बच्चों के ऊपर पैसा खर्च किया तो कभी उनको पढ़ाया लिखाया लेकिन बस एक ही कमी रही कि उनके कोई बच्चा नहीं हुआ आज अभिनव इंजीनियर पोस्ट … Read more

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