दिमाग की खिड़कियाँ – सुधा भार्गव : Moral Stories in Hindi
“रानी ओ रानी …अरे कहाँ ग़ायब हो गई।” गहरी सांस लेने के बाद फिर कर्कश आवाज —” “अरी कान में तेल डाल कर बैठी है क्या !लगे निगोड़ी को सुनाई देना ही।बंद हो गया है।” “माँ चिल्लाओ मत। सोमवार को मेरी परीक्षा है मुझे बहुत काम है।” “परीक्षा गई तेरी भाड़ में ।अपनी किताब समेट!भर … Read more