तिरस्कार कब तक? – सुदर्शन सचदेवा : Moral Stories in Hindi
काली है ! लेकिन संस्कारी है! गौरी होती तो , कितनी सुंदर दिखती ! शादी मुश्किल है- रंग थोडा़ हलका होता तो जल्दी बात बन जाती | सुनते सुनते माया बड़ी हुई है , नाम से कोई नहीं पुकारती, बस कोई कोयल कोई काली कमली बुलाती हैं | पर वो हंसती है सिर्फ दिखाने के … Read more